नाहन: सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के नाहन आगमन दिवस की पूर्व संध्या पर जिला मुख्यालय नाहन में नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. गुरुवार शाम गुरुद्वारा श्री दशम अस्थान से नगर कीर्तन की अगुवाई पंच प्यारों द्वारा की गई. गाजे-बाजे के साथ धूमधाम के साथ निकाले गए इस नगर कीर्तन में सिख युवाओं द्वारा भी गतके का शानदार प्रदर्शन किया गया. नगर कीर्तन में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. इस नगर कीर्तन का समापन शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए वापस गुरुद्वारा साहिब में होगा.
दरअसल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज 30 अप्रैल 1685 को सिरमौर रियासत में पधारे थे और लगभग 8 महीने तक वह नाहन में ही रहे. इसके बाद उन्होंने पांवटा साहिब नगरी की नींव रखी थी. लिहाजा गुरु गोबिंद सिंह जी के नाहन आगमन दिवस को हर साल हर्षाेउल्लास के साथ मनाया जाता है. इसी उपलक्ष्य में इस (Nahan Arrival Day of 10th Guru Gobind Singh) बार भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. नगर कीर्तन के अवसर पर गुरुद्वारा श्री दशम अस्थान नाहन प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट अमृत सिंह शाह ने बताया कि आज से 337 साल पहले सिरमौर रियासत के महाराजा मेदनी प्रकाश के अनुरोध पर गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज नाहन आए थे.
जिला वासियों के लिए यह दिन बेहद ऐतिहासिक होता है, क्योंकि यदि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज यहां नहीं आते और राजा फतेह शाह के साथ जो जमीनी विवाद था, उसका हल न करते, तो आज सिरमौर का इतिहास कुछ और लिखा होता. महज 19 साल की उम्र में ही गुरु महाराज जी ने इस विवाद का समाधान किया था. उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल और 1 मई को भी आगमन दिवस के अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. बता दें कि इससे पहले गुरु महाराज जी के आगमन दिवस की खुशी में नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में 25 अप्रैल तक 9 दिवसीय जोड़ मेले का भी आयोजन किया गया था.
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