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जल संग्रहण में बिरला पंचायत बनी अग्रणी, प्राचीन बावड़ी को दिया आधुनिक रूप - iph department

नाहन विधानसभा क्षेत्र के बिरला गांव एक ऐसा गांव है, जहां पर लोगों की सहभागिता से जल संकट को दूर करने का एक सार्थक प्रयास किया गया है. वड़ी को साफ-सुथरा कर उस पर गेट लगाया गया है, ताकि स्वच्छता बनी रहे. साथ ही पशु आदि भी उसमें न जा सके.

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Published : Aug 11, 2019, 8:09 AM IST

नाहन: सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र के बिरला गांव एक ऐसा गांव है, जहां पर लोगों की सहभागिता से जल संकट को दूर करने का एक सार्थक प्रयास किया गया है. आज ये गांव अच्छी उपज के लिए जाना जाने लगा है.

दरअसल बावड़ी को साफ-सुथरा कर उस पर गेट लगाया गया है, ताकि स्वच्छता बनी रहे. साथ ही पशु आदि भी उसमें न जा सके. पानी भरने के लिए अलग से एक पाइप को नल से जोड़ा गया है, जिसके बाद बावड़ी के बाहर से पानी मिलता है. इसके अलावा बावड़ी के ओवरफ्लो पानी को एक अन्य पाइप से जोड़कर एक बड़े टैंक में डाला गया है, जहां से ये पानी खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा रहा है.

धारटीधार क्षेत्र का ये गांव काफी समय से जलसंकट से जूझ रहा था. खासकर गर्मियों में परेशानी का सामना करना पड़ता था. पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत संबंधित विभाग से संपर्क किया और इलाके की प्राचीन बावड़ी जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया. इसके बाद इस प्राचीन बावड़ी को आधुनिक रूप से बनाया गया.

वीडियो

ग्रामीणों की मानें तो अब जल शक्ति अभियान के तहत वो इस बावड़ी को और अधिक सुंदर व आकर्षक बनाने के साथ इसे उपयोगी भी बनाएंगे.

बिरला पंचायत के प्रधान सुनील शर्मा ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या को देखते हुए सभी के सहयोग से गांव में बनी बावड़ी का आधुनिकीकरण किया गया है. उन्होंने बताया कि अब सभी को शुद्ध पेयजल मिल रहा है और साथ ही व्यर्थ पानी को संग्रहित करके खेतों में सिंचाई हेतु प्रयोग किया जा रहा है.

बता दें कि बिरला पंचायत जल संरक्षण की दिशा में एक अग्रणी पंचायत बनकर उभरी है. अब केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान से इस पंचायत में पेयजल के क्षेत्र में ओर अधिक विकास हो सकेगा. ये पंचायत आज अन्य पंचायतों के साथ-साथ लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी है.

नाहन: सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र के बिरला गांव एक ऐसा गांव है, जहां पर लोगों की सहभागिता से जल संकट को दूर करने का एक सार्थक प्रयास किया गया है. आज ये गांव अच्छी उपज के लिए जाना जाने लगा है.

दरअसल बावड़ी को साफ-सुथरा कर उस पर गेट लगाया गया है, ताकि स्वच्छता बनी रहे. साथ ही पशु आदि भी उसमें न जा सके. पानी भरने के लिए अलग से एक पाइप को नल से जोड़ा गया है, जिसके बाद बावड़ी के बाहर से पानी मिलता है. इसके अलावा बावड़ी के ओवरफ्लो पानी को एक अन्य पाइप से जोड़कर एक बड़े टैंक में डाला गया है, जहां से ये पानी खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा रहा है.

धारटीधार क्षेत्र का ये गांव काफी समय से जलसंकट से जूझ रहा था. खासकर गर्मियों में परेशानी का सामना करना पड़ता था. पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत संबंधित विभाग से संपर्क किया और इलाके की प्राचीन बावड़ी जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया. इसके बाद इस प्राचीन बावड़ी को आधुनिक रूप से बनाया गया.

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ग्रामीणों की मानें तो अब जल शक्ति अभियान के तहत वो इस बावड़ी को और अधिक सुंदर व आकर्षक बनाने के साथ इसे उपयोगी भी बनाएंगे.

बिरला पंचायत के प्रधान सुनील शर्मा ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या को देखते हुए सभी के सहयोग से गांव में बनी बावड़ी का आधुनिकीकरण किया गया है. उन्होंने बताया कि अब सभी को शुद्ध पेयजल मिल रहा है और साथ ही व्यर्थ पानी को संग्रहित करके खेतों में सिंचाई हेतु प्रयोग किया जा रहा है.

बता दें कि बिरला पंचायत जल संरक्षण की दिशा में एक अग्रणी पंचायत बनकर उभरी है. अब केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान से इस पंचायत में पेयजल के क्षेत्र में ओर अधिक विकास हो सकेगा. ये पंचायत आज अन्य पंचायतों के साथ-साथ लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी है.

Intro:-प्यास बुझाने के साथ-साथ खेतों को भी मिल रहा भरपूर पानी देखकर आप भी कहेंगे वाह
-प्राचीन बावड़ी का किया कायाकल्प, जल संग्रहण में खेतों में सिंचाई के साथ शुद्ध पेयजल भी हुआ उपलब्ध
-जल शक्ति अभियान से और बढ़ेगा इस गांव का विकास
नाहन। सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत बिरला गांव एक ऐसा गांव है, जहां पर लोगों की सहभागिता से जल संकट को दूर करने का एक सार्थक प्रयास किया गया है। धारटीधार क्षेत्र का यह गांव काफी समय से जलसंकट से गुजर रहा था। खासकर गर्मियों में यहां बड़ी दिक्कतें आती थी। पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत संबंधित विभाग से संपर्क किया और इलाके की प्राचीन बावड़ी जहां प्राकृतिक स्त्रोत से पानी आता है, उसका जीर्णोद्धार करने का फैसला किया। इसके बाद इस प्राचीन बावड़ी को आधुनिक रूप से बनाया गया। आज यह बावड़ी पूरे क्षेत्र में एक आदर्श बावड़ी के रूप में उदाहरण बनी हुई है।
Body:दरअसल बावड़ी को साफ सुथरा कर उस पर गेट लगाया गया है, ताकि स्वच्छता बनी रहे। साथ ही पशु आदि भी उसमें न जा सके। पानी भरने के लिए अलग से एक पाइप से नल जोड़ा गया है, जिसके बाद बावड़ी के बाहर से ही आराम से पानी मिलता है। यही नहीं बावड़ी के ओवरफ्लो पानी को एक अन्य पाइप से जोड़कर एक बड़े टैंक में डाला गया है, जहां से यह पानी खेतों में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा रहा है। आज यह गांव अच्छी उपज के लिए जाना जाने लगा है। बावड़ी को पूर्णतया स्वच्छ रखा गया है। ग्रामीणों की मानें तो अब जल शक्ति अभियान के तहत वह इस बावड़ी को और अधिक सुंदर व आकर्षक बनाने के साथ इसे उपयोगी भी बनाएंगे।
उधर बिरला पंचायत के प्रधान सुनील शर्मा ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या को देखते हुए सभी के सहयोग से इस बावड़ी को सुधारा गया है और इसका आधुनिकीकरण किया गया है। अब सभी को शुद्ध पेयजल मिल रहा है और साथ ही व्यर्थ पानी को संग्रहित करके खेतों में सिंचाई हेतु प्रयोग किया जा रहा है।
बाइट: सुनील शर्मा, प्रधान बिरला पंचायत
Conclusion:उल्लेखनीय है कि बिरला पंचायत जल संरक्षण की दिशा में एक अग्रणी पंचायत बनकर उभरी है। अब केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान से इस पंचायत में पेयजल के क्षेत्र में ओर अधिक विकास हो सकेगा। यह पंचायत आज अन्य पंचायतों के साथ-साथ लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी है।
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