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नौहराधार में खुनियोड़ महायज्ञ संपन्न, 4 साल बाद विजट महाराज मंदिर में मूर्ति की स्थापना

नौहराधार तहसील के साथ लगते किला कुदोण नामक विजट देवता मंदिर में खुनियोड़ महायज्ञ काआयोजन संपन्न हुआ. परंपरा के अनुसार ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर छत पर देवदार के विशाल पेड़ को तराश कर बनाई गई खुनियोड़ रखी गई.

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Published : Aug 23, 2020, 10:49 AM IST

Mahayagya in Devta Vijat temple
नौहराधार में खुनियोड़ महायज्ञ

नाहन: सिरमौर जिला की नौहराधार तहसील के साथ लगते किला कुदोण नामक विजट देवता मंदिर में खुनियोड़ महायज्ञ का आयोजन किया गया. क्षेत्र की करीब 7 पंचायतों के श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक सदियों पुराने इस मंदिर का लोगों ने प्राचीन शैली में जीर्णोद्वार करवाया है.

कार्य संपन्न होने के बाद परंपरा के मुताबिक खुनियोड़ महायज्ञ का आयोजन हुआ और विधिवत पूजा अर्चना के बाद देवता इस नवनिर्मित मंदिर में पुनः विराजमान हुए. दरअसल मंदिर के जीर्णोद्वार के चलते देवता को 4 वर्षों तक श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना के लिए बाहर बनाए शैड में रखा गया था. परंपरा के अनुसार ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर छत पर देवदार के विशाल पेड़ को तराश कर बनाई गई खुनियोड़ रखी गई.

वीडियो रिपोर्ट

पारंपरिक वाद्य यंत्रों के बीच महायज्ञ का आयोजन संपन्न हुआ. स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले 4 वर्षों से मंदिर का जीर्णोद्वार कार्य चल रहा था. कार्य पूरे होने के बाद महायज्ञ का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की उपस्थिति कम ही रही. यदि स्थिति सामान्य होती तो यहां पर हजारों की संख्या में लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते. इस मंदिर के प्रति नौहराधार क्षेत्र के लोगों की काफी आस्था है.

मान्यता है कि किला कुदोण नामक विजट देवता मंदिर में लोगों की मुरादे पूरी होती है. बता दें कि कुदोण के विजट महाराज को लानाचेता, देवना, थनगा, चोकर, भगाड़ी, नौहराधार, देवामानल आदि पंचायतों के लोग अपना कुल देवता मानते हैं. देवता की शक्ति पर आधारित सिरमौरी लोक गीत कीले दे कुदोण में यहां पानी के दिए जलने व रात को अपने आप पारंपरिक नोबत भक्ति संगीत बजने का वर्णन भी है.

ये भी पढ़ें: सुंदरनगर में आबकारी विभाग की कार्रवाई, प्रेशर कुकर व्यापारी से वसूला 13 हजार का जुर्माना

नाहन: सिरमौर जिला की नौहराधार तहसील के साथ लगते किला कुदोण नामक विजट देवता मंदिर में खुनियोड़ महायज्ञ का आयोजन किया गया. क्षेत्र की करीब 7 पंचायतों के श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक सदियों पुराने इस मंदिर का लोगों ने प्राचीन शैली में जीर्णोद्वार करवाया है.

कार्य संपन्न होने के बाद परंपरा के मुताबिक खुनियोड़ महायज्ञ का आयोजन हुआ और विधिवत पूजा अर्चना के बाद देवता इस नवनिर्मित मंदिर में पुनः विराजमान हुए. दरअसल मंदिर के जीर्णोद्वार के चलते देवता को 4 वर्षों तक श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना के लिए बाहर बनाए शैड में रखा गया था. परंपरा के अनुसार ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर छत पर देवदार के विशाल पेड़ को तराश कर बनाई गई खुनियोड़ रखी गई.

वीडियो रिपोर्ट

पारंपरिक वाद्य यंत्रों के बीच महायज्ञ का आयोजन संपन्न हुआ. स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले 4 वर्षों से मंदिर का जीर्णोद्वार कार्य चल रहा था. कार्य पूरे होने के बाद महायज्ञ का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की उपस्थिति कम ही रही. यदि स्थिति सामान्य होती तो यहां पर हजारों की संख्या में लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते. इस मंदिर के प्रति नौहराधार क्षेत्र के लोगों की काफी आस्था है.

मान्यता है कि किला कुदोण नामक विजट देवता मंदिर में लोगों की मुरादे पूरी होती है. बता दें कि कुदोण के विजट महाराज को लानाचेता, देवना, थनगा, चोकर, भगाड़ी, नौहराधार, देवामानल आदि पंचायतों के लोग अपना कुल देवता मानते हैं. देवता की शक्ति पर आधारित सिरमौरी लोक गीत कीले दे कुदोण में यहां पानी के दिए जलने व रात को अपने आप पारंपरिक नोबत भक्ति संगीत बजने का वर्णन भी है.

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