नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में किसान सभा की बैठक का आयोजन (Kisaan Sabha meeting in Nahan ) किया गया. जिसकी अध्यक्षता किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर (Kuldeep Tanwar presided Kisaan Sabha) ने की. बैठक के दौरान किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों (farmer issues discussed in meeting) पर चर्चा की गई. इस अवसर पर किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि सिरमौर जिला में किसान सभा के विस्तार के लिए सदस्यता अभियान आरंभ किया जाएगा. प्रथम चरण में जिला में साढ़े सात हजार नए सदस्यों को किसान सभा में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है.
कुलदीप तंवर ने बताया कि सिरमौर में तीन प्रमुख फसलों टमाटर, लहसुन और अदरक की सर्वाधिक पैदावार होती है, परंतु सरकार द्वारा सिरमौर के किसानों के हितों के लिए आज तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं. जबकि सिरमौर में इन तीन फसलों पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांटऔर सीए स्टोर की बहुत आवश्यकता है.उन्होंने कहा कि इस बार किसानों का लहसुन न्यूनतम 35 रुपये और टमाटर की क्रेट 90 रुपये बिकी, जिससे किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पाई है. उन्होंने बताया कि बेचड़ का बाग में बीते दिनों पुराना अदरक 3 रुपये 25 पैसे प्रति किलोग्राम बिका. उचित दाम न मिलने की स्थिति में किसानों की स्थिति इस वर्ष काफी दयनीय है.
कुलदीप तंवर (State President of Kisaan Sabha Dr. Kuldeep Singh Tanwar) ने बताया कि सिरमौर में तीन अनाज मंडियां कार्यरत हैं, जिनमें किसानों की समस्याओं को देखते हुए सीए स्टोर इत्यादि सुविधाओं का सृजन किया जाना चाहिए. सिरमौर के निचले क्षेत्रों में धान व गेहूं एवं ऊपरी क्षेत्रों में टमाटर, लहसुन व अदरक का काफी मात्रा में उत्पादन किया जाता है, लेकिन खेद का विषय है कि इस बार पांवटा साहिब क्षेत्र के किसानों को धान की फसल को हरियाणा में कम दाम पर बेचना पड़ा.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की संयुक्त किसान सभा (joint farmers assembly himachal) द्वारा 23 फसलों को शामिल किया गया है, जिसमें सात अनाज, सात दलहन और चार अन्य गन्ना जूट इत्यादि शामिल है, लेकिन इसमें टमाटर, लहसुन व अदरक शामिल नहीं है. उन्होंने बताया कि केरल की सरकार ने 16 फसलों पर न्यूनतम (kuldeep tanwar on MSP) समर्थन मूल्य तय किया हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार को भी केरल राज्य के अध्ययन करने के लिए अधिकारियों की टीम को भेजना चाहिए और केरल राज्य की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में उत्पादित होने वाली फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत लाना चाहिए, ताकि किसानों की आर्थिकी में सुधार हो सके.
तंवर (Kuldeep Singh Tanwar on bjp) ने बताया कि हिमाचल में 20 लाख मीट्रिक टन सब्जियों, 16 लाख मीट्रिक टन अनाज और 10 लाख मीट्रिक टन फलोत्पादन होता है. सबसे अहम बात यह है कि किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए बहुत परेशानी पेश आ रही है और न्यूनतम समर्थन मूल्य न होने पर कई बार औने-पौने दाम पर उत्पाद बेचने को मजबूर होना पड़ता है. बैठक में किसान सभा (kisaan sabha himachal oppose bjp) के पदाधिकारी सत्यावान पुंडीर, सुरेश पुंडीर, संगड़ाह ब्लॉक से रमेश वर्मा और रविंद्र चौहान, नाहन खंड से बलदेव सिंह, जगदीश पुंडीर, राम सिंह, सतपाल मान, राजेंद्र ठाकुर, जगदीश रमौल, सराहां खंड से रामलाल, मदनपाल नेहरू, आशीष कुमार और पांवटा साहिब खंड से जयचंद और नरेंद्र आदि मौजूद रहे.
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