नाहन: सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह महाराज के नाहन आगमन दिवस के उपलक्ष्य में जिला मुख्यालय नाहन में आज से जोड़ मेला शुरू (Jor Mela started in Nahan) हो गया है. गुरुद्वारा श्री दशम अस्थान नाहन के ठीक सामने स्थित ऐतिहासिक चौगान मैदान में आयोजित इस 9 दिवसीय मेले का शुभारंभ हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नाहन के विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने किया.
दरअसल गुरु गोविंद सिंह महाराज 30 अप्रैल 1685 को सिरमौर रियासत में पधारे (arrival day of Guru Gobind Singh Maharaj) थे और लगभग 8 महीने तक वह नाहन में ही रहे. इसके बाद उन्होंने पांवटा साहिब साहिब नगरी की नींव रखी थी. लिहाजा गुरु गोविंद सिंह के नाहन आगमन दिवस को हर साल हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसे पिछले कुछ सालों से जोड़ मेले का रूप दिया गया है.
मेले के शुभारंभ अवसर पर राजीव बिंदल ने गुरु गोविंद सिंह के नाहन आगमन दिवस पर आयोजित जोड़ मेले को लेकर लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह दिन सभी के लिए श्रेष्ठ दिन है. इसी याद में यह जोड़ मेले का आयोजन हुआ है. राजी बिंदल ने कहा कि त्याग, तपस्या और बलिदान जो गुरु गोविंद सिंह महाराज और उनके परिजनों ने किया है, वह दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलता है. उसका कोई सानी नहीं है. गुरु गोविंद सिंह हमेशा हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत थे, हैं और हमेशा रहेंगे.
वहीं, इस खास अवसर पर गुरुद्वारा श्री दशम अस्थान नाहन प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट अमृत सिंह शाह ने बताया कि आज से 337 साल पहले सिरमौर रियासत के महाराजा मेदनी प्रकाश के अनुरोध पर गुरु गोविंद सिंह महाराज नाहन आए थे. उन्होंने कहा कि यह दिन बेहद ऐतिहासिक है, क्योंकि यदि गुरु गोविंद सिंह यहां नहीं आते और फतह शाह के साथ जो जमीनी विवाद था, उसका हल न करते, तो आज सिरमौर का इतिहास कुछ और लिखा होता.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि गुरु महाराज का हर साल आगमन दिवस मनाया जाता है, जिसे कुछ सालों से जोड़ मेले का रूप दिया गया है. उन्होंने हिमाचल सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जोड़ मेले को सिरमौर जिले का ऐतिहासिक मेला (Historical fair of Sirmaur district) घोषित किया जाए. बता दें कि यह मेला 25 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा. इसके बाद यहां गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा 30 अप्रैल तक नगर कीर्तन, कीर्तन समागन आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा.