नाहनः मार्च महीने में मौसम की बेरुखी से जिला सिरमौर के मैदानी इलाकों में स्ट्रॉबेरी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. हालात यह हैं कि स्ट्रॉबेरी के खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है. ओलावृष्टि से नुकसान व बारिश से रोग लगने के बाद किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. हालांकि इस बार स्ट्रॉबेरी का उत्पादन काफी अच्छी मात्रा में हुआ था.
दरअसल जिला के मैदानी इलाकों में स्ट्रॉबेरी भारी मात्रा में उगाई जाती है, लेकिन मार्च महीने में मौसम की बेरुखी के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. विक्रमबाग, बोहलियों सहित कई इलाकों में ओलावृष्टि व बारिश से स्ट्रॉबेरी की फसल तबाह हो गई है.
![नाहन स्ट्रॉबेरी फसल खराब rain damage strawberry sirmaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6433445_nahan_sirmaur1.jpg)
हालात ये हैं कि यहां किसानों को काफी मात्रा में स्ट्रॉबेरी खराब होने के कारण अधिकतर मात्रा में फेंकनी पड़ रही है. हालांकि किसान व बागवान इन दिनों खेतों में जमा बरसाती पानी को निकालने व दवाओं का स्प्रे भी कर रहे हैं, लेकिन फसल में सड़न रोग लगने के कारण प्रतिदिन खराब स्ट्रॉबेरी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.
![नाहन स्ट्रॉबेरी फसल खराब rain damage strawberry sirmaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6433445_nahan_sirmaur2.jpg)
किसानों की माने तो इस बार स्ट्रॉबेरी के बड़े अच्छे दाम उन्हें मंडियों में मिल रहे थे, लेकिन अचानक हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से उनकी फसल खराब हो चुकी है. ऐसे में उनकी सरकार से मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके.
ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी समस्या रखते हुए विक्रमबाग क्षेत्र के किसान सुरेंद्र ठाकुर ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है. उन्होंने बताया कि वह पिछले 20-25 सालों से स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन जितना नुकसान उन्हें इस बार हुआ है, अब तक पहले कभी नहीं हुआ. 8-10 दिन पहले हुई बारिश से पहले ही उनकी 50 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी थी और रही सही कसर दो-तीन दिन पहले हुई बारिश व ओलावृष्टि ने पूरी कर दी. इसके चलते उनकी फसल खराब हो चुकी है. ऐसे में सरकार को उनकी सहायता करनी चाहिए.
वहीं, महिला किसान रमा देवी ने बताया कि भारी बारिश हुआ ओलावृष्टि से इस बार स्ट्रॉबेरी खराब हो गई है, जबकि उन्हें मंडियों में अच्छे दाम मिल रहे थे. ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार को उनकी आर्थिक सहायता करनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला के मैदानी इलाकों में स्ट्रॉबेरी का व्यवसायिक उत्पादन किया जाता है, लेकिन मौसम की मार के चलते अब किसान सरकार की और मदद को देख रहे हैं.
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