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स्वच्छ पानी को तरस रहे गुज्जरों के 70 परिवार, नाले के पानी से बुझानी पड़ रही प्यास

पांवटा साहिब के जम्बुखाला गांव में पिछले कई दशकों से रह रहे गुज्जर परिवार आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. करीब 70 परिवार के चार सौ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा. प्यास बुझाने के लिए इन ग्रामीणों को नाले के गंदे पानी को प्रयोग में लाना पड़ रहा है.

72 GUJJAR FAMILY FACE WATER PROBLEM IN PAONTA SAHIB
स्वच्छ पानी को तरस रहे गुज्जर परिवार
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Published : Jun 6, 2020, 10:38 PM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में गुज्जर परिवार अपने ही देश में बेगानों जैसा जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं. पांवटा साहिब के जम्बुखाला में पिछले कई दशकों से रह रहे गुज्जर परिवार आज भी सरकारी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं. यहां पर गुज्जर के 70 परिवार के चार सौ लोग कड़ी मश्कत के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

इन गुज्जर परिवारों की जिंदगी इतनी बदतर हो चुकी है कि इन्हें नाले का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है. इन परिवारों के साथ करीब 500 पशु भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. विकास के नाम पर यहां लगाए गए हेडपंप अपना दम तोड़ रहे हैं. दो हेड पंप शोपीस बने हैं, जबकि एकमात्र हेडपंप लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

गुज्जर परिवारों का परेशान होना लाजमी हैं. पानी की समस्या जानने के लिए ईटीवी भारत जम्बुखाला गांव पहुंचा. चिलचिलाती गर्मी में इस गांव के छोटे बच्चों के नन्हे हाथों में पानी ढोया जा रहा था. जिन बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए थी, उनके हाथों में खाली पानी के बर्तन हैं.

पेयजल की विकराल समस्या गुर्जरों को दिन प्रतिदिन परेशान कर रही है. समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण अपने प्रधान के जरिए आईपीएच विभाग के अधिकारियों से आग्रह कर चुके हैं. ग्रामीण कभी बरसाती पानी पीने को मजबूर हैं, तो कभी नाले का गंदा पानी.

आईपीएच विभाग के अधिशासी अभियंता जगवीर सिंह ने बताया यह मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने बताया कि स्त्रोत सूख जाने की वजह से हेडपंप से पानी नहीं निकलता है. हालांकि हेड पंप रिपेयर करने की कोशिश की जाएगी.

ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण को लेकर IGMC प्रशासन अलर्ट, अस्पताल में दाखिल मरीजों के लिए जा रहे सैंपल

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में गुज्जर परिवार अपने ही देश में बेगानों जैसा जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं. पांवटा साहिब के जम्बुखाला में पिछले कई दशकों से रह रहे गुज्जर परिवार आज भी सरकारी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं. यहां पर गुज्जर के 70 परिवार के चार सौ लोग कड़ी मश्कत के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

इन गुज्जर परिवारों की जिंदगी इतनी बदतर हो चुकी है कि इन्हें नाले का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है. इन परिवारों के साथ करीब 500 पशु भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. विकास के नाम पर यहां लगाए गए हेडपंप अपना दम तोड़ रहे हैं. दो हेड पंप शोपीस बने हैं, जबकि एकमात्र हेडपंप लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

गुज्जर परिवारों का परेशान होना लाजमी हैं. पानी की समस्या जानने के लिए ईटीवी भारत जम्बुखाला गांव पहुंचा. चिलचिलाती गर्मी में इस गांव के छोटे बच्चों के नन्हे हाथों में पानी ढोया जा रहा था. जिन बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए थी, उनके हाथों में खाली पानी के बर्तन हैं.

पेयजल की विकराल समस्या गुर्जरों को दिन प्रतिदिन परेशान कर रही है. समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण अपने प्रधान के जरिए आईपीएच विभाग के अधिकारियों से आग्रह कर चुके हैं. ग्रामीण कभी बरसाती पानी पीने को मजबूर हैं, तो कभी नाले का गंदा पानी.

आईपीएच विभाग के अधिशासी अभियंता जगवीर सिंह ने बताया यह मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने बताया कि स्त्रोत सूख जाने की वजह से हेडपंप से पानी नहीं निकलता है. हालांकि हेड पंप रिपेयर करने की कोशिश की जाएगी.

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