पांवटा साहिब: शिलाई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अदरक की खेती होती है, लेकिन अधिकतर किसान अदरक में सड़न रोग लगने से परेशान हैं. अदरक की फसल खराब होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.
बता दें कि सिरमौर के दूरदराज के कई क्षेत्र अदरक खेती पर ही निर्भर रहते हैं. किसान अदरक की खेती से होने वाली आय से ही अपनी आजीविका चलाते हैं, लेकिन इस बार अदरक में सड़न रोग लगने से पैदावार बहुत कम हुई है. पिछले साल के मुकाबले इस साल अदरक की फसल में पैदावार कम हुई है.
अदरक की फसल को सड़न रोग लगने का मुख्य कारण बारिश का न होना है. इन दिनों किसान अदरक निकालने में व्यस्त हो चुके हैं ताकि अदरक बेचकर दिवाली का त्योहार मनाया जा सके, लेकिन ज्यादातर फसल खराब होने से किसान मायूस नजर आ रहे हैं.
किसानों का कहना है कि उन्होंने चालीस रुपये किलो के हिसाब से बीजाई के लिए लगभग चार हजार रुपये का अदरक खरीदा था, लेकिन बाजार में अदरक का भाव 50 से 55 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है. अगर पैदावार अच्छी होती तो इस बार किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता.
किसानों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में किसानों को सबसे बड़ी समस्या पानी की है. समय से बारिश ना होने से फसल बर्बाद हो जाती है. पहाड़ी क्षेत्रों में भी सिंचाई की व्यवस्था की जाए तो यहां के किसानों को कम नुकसान होगा. प्रशासन और सरकारों को पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों की ओर भी ध्यान देना चाहिए.