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GPS सिस्टम से लैस हुए सिरमौर में उड़नदस्ता वाहन, इस सॉफ्टवेयर के जरिए लगेगी इलेक्शन ड्यूटी

आचार संहिता से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय में विशेष प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है. इस बार लोकसभा चुनाव में कर्मचारी अपनी मर्जी से चुनावी ड्यूटी नहीं लगा पाएंगे.

GPS सिस्टम से लैस हुए सिरमौर में उड़नदस्ता वाहन
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Published : Apr 3, 2019, 1:40 PM IST

नाहन: लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके करवाने के लिए जिला प्रशासन तैयारी में जुट गया है. चुनाव के मद्देनजर गठित उड़नदस्तों में शामिल वाहनों को जीपीएस से लैस किया जा रहा है. साथ ही, कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगाने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा.

दरअसल, सिरमौर जिला में लोकसभा चुनाव-2019 के मद्देनजर उड़नदस्तों एवं अन्य निगरानी टीमों की गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं. जिला निर्वाचन अधिकारी ललित जैन ने कहा कि गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं ताकि वाहनों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा सके.

GPS सिस्टम से लैस हुए सिरमौर में उड़नदस्ता वाहन (वीडियो)

जिला निर्वाचल अधिकारी ने कहा कि इस बार चुनावी ड्यूटी में कर्मचारी अपनी मर्जी से ड्यूटी नही लगा पाएंगे. चुनाव आयोग ने डाईस नाम का एक विशेष सिस्टम तैयार किया है, जो रेंडमाइजेशन सिस्टम के जरिये चुनाव में कर्मचारियों ड्यूटी लगाएगा. उन्होंने कहा कि कंप्यूटर द्वारा बताए गई जगह पर ही कर्मचारी को ड्यूटी पर जाना होगा.

लोकसभा चुनाव में आचार संहिता से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय में विशेष प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है. साफ है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए आयोग अहर संभव कोशिश कर रहा है.

नाहन: लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके करवाने के लिए जिला प्रशासन तैयारी में जुट गया है. चुनाव के मद्देनजर गठित उड़नदस्तों में शामिल वाहनों को जीपीएस से लैस किया जा रहा है. साथ ही, कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगाने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा.

दरअसल, सिरमौर जिला में लोकसभा चुनाव-2019 के मद्देनजर उड़नदस्तों एवं अन्य निगरानी टीमों की गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं. जिला निर्वाचन अधिकारी ललित जैन ने कहा कि गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं ताकि वाहनों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा सके.

GPS सिस्टम से लैस हुए सिरमौर में उड़नदस्ता वाहन (वीडियो)

जिला निर्वाचल अधिकारी ने कहा कि इस बार चुनावी ड्यूटी में कर्मचारी अपनी मर्जी से ड्यूटी नही लगा पाएंगे. चुनाव आयोग ने डाईस नाम का एक विशेष सिस्टम तैयार किया है, जो रेंडमाइजेशन सिस्टम के जरिये चुनाव में कर्मचारियों ड्यूटी लगाएगा. उन्होंने कहा कि कंप्यूटर द्वारा बताए गई जगह पर ही कर्मचारी को ड्यूटी पर जाना होगा.

लोकसभा चुनाव में आचार संहिता से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय में विशेष प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है. साफ है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए आयोग अहर संभव कोशिश कर रहा है.


शिमला में हाम्फी 108 एम्बुलेन्स , पैरालाइसिस के  अटैक के।मरीज़ को लाने से किया मना
शिमला।

लालपानी की 52 वर्षीय उर्मिला शर्मा काे साेमवार रात करीब 9 बजे पैरालाइसिस का अटैक अाया। इस दाैरान परिजनाें ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा में एंबुलेंस के लिए फाेन किया। 108 पर पहले ताे टाल मटाेल करते रहे, बाद में उन्हाेंने कहा कि उनके पास ड्राइवर नहीं है अाैर एंबुलेंस नहीं अाएगी। इस दाैरान परिजनाें ने खुद चालक से संपर्क किया ताे चालक ने कहा कि वह शाेघी में है अाैर वहां से अाने ले अाधा घंटा लगेगा। बाद में परिजनाें काे प्राइवेट गाड़ी करके अाईजीएमसी पहुंचना पड़ा। महिला अभी अाईजीएमसी में एडमिट है। 108 एंबुलेंस की अाेर से इमरजेंसी में सेवाएं देने से इंकार करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 108 एंबुलेंस प्रबंधन कई मरीजाें काे इमरजेंसी में इंकार कर चुकी है।

क्या कहते हैं परिजन
पेशेंट उर्मिला की बहन गीता शर्मा ने कहा कि उनकी बहन काे जैसे ही पैरालाइसिस का अटैक अाया ताे तुरंत उन्हाेंन 108 एंबुलेंस सेवा काे फाेन किया। उन्हाेंने कहा कि काॅल सेंटर पर तैनात कर्मी पहले ताे टाल मटाेल करते रहे, मगर बाद में उन्हाेंने कहा कि चालक नहीं है। उन्हाेंने कहा कि उनकी जब उन्हाेंने चालक का नंबर लेकर पता किया ताे चालक ने कहा कि वह शाेघी है, अाघा घंटा लग पाएगा। महिला ने अाराेप लगाया कि 108 एंबुलेंस सेवा जब इमरजेंसी में उनके काम नहीं अा सकती ताे उसका क्या फायदा। उन्हाेंने कहा कि उनकी बहन काे पैरालाइसिस का अटैक अाया था। एेसे में वह इमरजेंसी में निजी गाड़ी करके ही अाईजीएमसी ले गए। अभी भी उनकी बहन की हालत काफी नाजूक है। वह अाईसीयू में है। 

लापरवाही पड़ सकती थी भारी
108 एंबुलेंस सेवा की लापरवाही मरीज काे भारी पड़ सकती थी। पैरालाइसिस का अटैक अाने पर चार घंटे के भीतर ही इंजेक्शन लगाना जरूरी हाेता है। यदि इसके लिए देरी हाे जाए ताे मरीज के ठीक हाेने के चांस कम हाे जाते हैं। गनीमत रही कि लालपानी में अटैक अाने पर परिजन 108 के भराेस नहीं रहे अन्यथा कुछ भी हाे सकता था। हालांकि लालपानी से अाईजीएमसी पहुंचने में 20 से 25 मिनट भी नहीं लगते। यदि दूर का मामला हाेता ताे शायद 108 एंबुलेंस की वजह से मरीज परेशानी में अा सकता था।  
इस संबंध में 108एम्बुलेम्स शिमला के इंचार्ज आकाशदीप ने कहा कि मामले में जाँच की जायेगी

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