नाहन: जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में कृषि विभाग कार्यालय के सभागार में शनिवार को डीसी रामकुमार गौतम ने मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान का शुभारंभ किया. दरअसल कार्यक्रम में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत पॉलिसी को बीमित किसानों के द्वार तक पहुंचाने के लिए फसल बीमा पॉलिसी वितरण का आयोजन (Meri Policy Mere Haath campaign in Sirmaur) किया गया. कार्यक्रम में डीसी सिरमौर ने जिले के 15 किसानों को पॉलिसी दस्तावेज वितरित किए.
इस मौके पर डीसी राम कुमार गौतम ने बताया कि मेरी पॉलसी मेरे हाथ अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को (PM Fasal Bima Yojana) एग्रीकल्चर इंशोरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों की फसलों से जुड़े हुए जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई करने का एक माध्यम है. इससे किसानों को अप्रत्याशित या प्रतिकूल मौसम की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है.
डीसी सिरमौर ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत (Meri Policy Mere Haath campaign in Sirmaur) किसानों के लिए बीमित राशि क्या होगी, इसके लिए जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा फसल के वित्तमान के आधार पर या गत वर्ष की फसल औसत उपज एवं फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर तय किया जाता है.
उन्होंने बताया कि खरीफ मौसम की फसलों के लिए बीमा लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, जबकि रबी फसल की बीमा लेने की अंतिम तिथि 14 व 15 दिसंबर निर्धारित की गई है. जिले के मटर उत्पादक 14 मई व आलू उत्पादक 31 मई, फूल व पत्ता गोभी 15 जून व अदरक उत्पादक 30 जून, टमाटर उत्पादक 31 जुलाई व मक्की व धान के लिए 15 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. इसी तरह रबी की फसलों जिसमें लहसुन के लिए 14 दिसंबर, गेंहू व जौ 15 दिसम्बर, आलू 31 दिसंबर व टमाटर 28 फरवरी तक बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत अब तक 2189 किसान बीमा करवा चुके हैं. रबी और खरीफ की फसलों के बीमा के लिए गैर ऋणी किसानों को आधार कार्ड की प्रति, बैंक पासबुक की प्रति, खसरा खतौनी आदि की प्रतिलिपि, पूर्णतया भरा हुआ प्रस्ताव फॉर्म, किराएदार किसानों के लिए लागू अनुबंध समझौता के शपथ पत्र की प्रति व कृषक द्वारा स्व घोषित बुवाई प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी.
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