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अब गोबर से भी होगी कमाई, यहां लगी प्रदेश की पहली गोबर से काष्ठ बनाने वाली मशीन

जिला सिरमौर के नाहन में प्रदेश की पहली गोबर काष्ठ मशीन स्थापित की गई है. गौ सदन में इस मशीन से गौ काष्ठ बनाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है, जिसका शुभारंभ उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने किया. इस मशीन में तीन दिनों का सड़ा गोबर और भूसा एक साथ डाला जाता है और उसके काष्ठ बनाए जाते हैं.

cow Log machine established in nahan
हिमाचल की पहली गोबर से काष्ठ बनाने वाली मशीन
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Published : Jan 17, 2020, 10:14 AM IST

नाहन: जिला सिरमौर को स्वच्छ बनाने और बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जिसके तहत माता बाला सुंदरी गौ सदन व जैविक प्रशिक्षण केंद्र में गाय के गोबर से काष्ठ बनाने के लिए गौ काष्ठ मशीन स्थापित की गई है.

ये प्रदेश की पहली गोबर काष्ठ मशीन है और गौ सदन में इस मशीन से गौ काष्ठ बनाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है, जिसका शुभारंभ उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने किया. इस मशीन में तीन दिनों का सड़ा गोबर और भूसा एक साथ डाला जाता है और उसके काष्ठ बनाए जाते हैं.

cow Log machine established in nahan
काष्ठ बनाने की मशीन

ये काष्ठ उद्योगों में बालन के तौर पर प्रयोग किए जाएंगे, जबकि श्मशान घाटों में भी लकड़ी के साथ प्रयोग होंगे. साथ ही इससे गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे और निराश्रित पशुओं की समस्या भी हल होगी. किसानों से भी गोबर खरीदा जाएगा और उन्हें इस तकनीक बारे जानकारी भी दी जाएगी.

cow Log machine established in nahan
काष्ठ बनाते लोग

मशीन के प्रयोग से बनने वाली काष्ठ ईधन का काम करेगी, जोकि ऊर्जा का एक सस्ता साधन है. इसके प्रयोग करने से कार्बन डाइऑक्साइड के स्थान पर ऑक्सीजन पैदा होगी, जोकि अपशिष्ट पदार्थ को जैव उत्पाद में बदलने में सहायक होगी और इससे वनों को भी संरक्षण मिलेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

उपायुक्त डॉ. आरके परुथी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गाय के गोबर के प्रयोग से गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे, जबकि ये गौ काष्ठ उद्योगों व ईंट भट्टों में भी बेचे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी इस गोबर लॉग की कीमत पांच रुपये रखी गई है और औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के उद्योगों से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं.

साथ ही लोगों से अपील की है कि गाय का गोबर कीमती है और लोग अपने घरों में भी ऐसी मशीन लगा सकते हैं और लॉग्स बना सकते हैं.

ये भी पढ़ें: भरमौर में भारी भूस्खलन, मलबे में दबने से टावर लाइन बिछाते हुए मजदूर की मौत

नाहन: जिला सिरमौर को स्वच्छ बनाने और बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जिसके तहत माता बाला सुंदरी गौ सदन व जैविक प्रशिक्षण केंद्र में गाय के गोबर से काष्ठ बनाने के लिए गौ काष्ठ मशीन स्थापित की गई है.

ये प्रदेश की पहली गोबर काष्ठ मशीन है और गौ सदन में इस मशीन से गौ काष्ठ बनाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है, जिसका शुभारंभ उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने किया. इस मशीन में तीन दिनों का सड़ा गोबर और भूसा एक साथ डाला जाता है और उसके काष्ठ बनाए जाते हैं.

cow Log machine established in nahan
काष्ठ बनाने की मशीन

ये काष्ठ उद्योगों में बालन के तौर पर प्रयोग किए जाएंगे, जबकि श्मशान घाटों में भी लकड़ी के साथ प्रयोग होंगे. साथ ही इससे गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे और निराश्रित पशुओं की समस्या भी हल होगी. किसानों से भी गोबर खरीदा जाएगा और उन्हें इस तकनीक बारे जानकारी भी दी जाएगी.

cow Log machine established in nahan
काष्ठ बनाते लोग

मशीन के प्रयोग से बनने वाली काष्ठ ईधन का काम करेगी, जोकि ऊर्जा का एक सस्ता साधन है. इसके प्रयोग करने से कार्बन डाइऑक्साइड के स्थान पर ऑक्सीजन पैदा होगी, जोकि अपशिष्ट पदार्थ को जैव उत्पाद में बदलने में सहायक होगी और इससे वनों को भी संरक्षण मिलेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

उपायुक्त डॉ. आरके परुथी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गाय के गोबर के प्रयोग से गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे, जबकि ये गौ काष्ठ उद्योगों व ईंट भट्टों में भी बेचे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी इस गोबर लॉग की कीमत पांच रुपये रखी गई है और औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के उद्योगों से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं.

साथ ही लोगों से अपील की है कि गाय का गोबर कीमती है और लोग अपने घरों में भी ऐसी मशीन लगा सकते हैं और लॉग्स बना सकते हैं.

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Intro:- सिरमौर प्रशासन की एक और शानदार पहल
- औद्योगिक क्षेत्र के कारखानों का मोक्ष धाम में प्रयोग होंगे यह गोबर काष्ठ
- पर्यावरण होगा शुद्ध, निराश्रित पशुओं का होगा समाधान, गौ सदन बनेंगे आत्मनिर्भर
नाहन। सिरमौर जिला को स्वच्छ बनाने निराश्रित पशुओं की समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत माता बाला सुंदरी गौ सदन एवं जैविक प्रशिक्षण केंद्र में गाय के गोबर से काष्ठ बनाने के लिए गौ काष्ठ मशीन स्थापित की गई है। यह प्रदेश की पहली गोबर काष्ठ की मशीन है। गौ सदन में इस मशीन से गौ काष्ठ बनाने का कार्य शुरू किया जा चुका है, जिसका शुभारंभ उपायुक्त सिरमौर डॉ आरके परुथी ने किया।


Body: दरअसल इस मशीन में दो-तीन दिनों का गला सड़ा गोबर भूसे आदि के साथ डाला जाता है और उसके लॉग यानी काष्ठ बनाए जाते हैं। ये काष्ठ जहां उद्योगों में बालन के तौर पर प्रयोग किए जाएंगे, वहीं श्मशान घाटों में भी लकड़ी के साथ प्रयोग होंगे। गौ सदन में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है। इससे जहां गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे, वही निराश्रित पशुओं की समस्या भी हल होगी। किसानों से भी गोबर खरीदा जाएगा और उन्हें इस तकनीक बारे जानकारी भी दी जाएगी।
मशीन के प्रयोग से बनने वाली काष्ठ इंधन का काम करेगी, जोकि ऊर्जा का एक सस्ता साधन है। इसके प्रयोग करने से कार्बन डाइऑक्साइड के स्थान पर ऑक्सीजन पैदा होगी जोकि अपशिष्ट पदार्थ को जैव उत्पाद में बदलने में सहायक होगी और इससे वनों को भी संरक्षण मिलेगा।
मीडिया से बात करते हुए उपायुक्त सिरमौर डॉ आरके परुथी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु गाय के गोबर के प्रयोग से जहां गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे, वहीं यह गौ काष्ठ उद्योगों व ईट भट्टों में भी बेचे जाएंगे। उद्योगों से इसके आर्डर भी मिलने शुरू हो गए हैं। वही मोक्ष धामों में भी लकड़ियों की अपेक्षा इन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गाय का गोबर कीमती है और लोग अपने घरों में भी ऐसी मशीन लगा सकते हैं और लॉग्स बना सकते हैं।
बाइट : डॉ आरके परुथी, उपायुक्त सिरमौर


Conclusion:बता दे कि अभी इस गोबर लॉग की कीमत 5 रुपए प्रति लाग रखी गई है और औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के उद्योगों से आर्डर आने शुरू हो गए हैं। लिहाजा सिरमौर प्रशासन का पर्यावरण संरक्षण वाह पशुपालन महत्वता का यह एक सराहनीय प्रयास है।
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