नाहन: जिला सिरमौर को स्वच्छ बनाने और बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जिसके तहत माता बाला सुंदरी गौ सदन व जैविक प्रशिक्षण केंद्र में गाय के गोबर से काष्ठ बनाने के लिए गौ काष्ठ मशीन स्थापित की गई है.
ये प्रदेश की पहली गोबर काष्ठ मशीन है और गौ सदन में इस मशीन से गौ काष्ठ बनाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है, जिसका शुभारंभ उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने किया. इस मशीन में तीन दिनों का सड़ा गोबर और भूसा एक साथ डाला जाता है और उसके काष्ठ बनाए जाते हैं.
ये काष्ठ उद्योगों में बालन के तौर पर प्रयोग किए जाएंगे, जबकि श्मशान घाटों में भी लकड़ी के साथ प्रयोग होंगे. साथ ही इससे गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे और निराश्रित पशुओं की समस्या भी हल होगी. किसानों से भी गोबर खरीदा जाएगा और उन्हें इस तकनीक बारे जानकारी भी दी जाएगी.
मशीन के प्रयोग से बनने वाली काष्ठ ईधन का काम करेगी, जोकि ऊर्जा का एक सस्ता साधन है. इसके प्रयोग करने से कार्बन डाइऑक्साइड के स्थान पर ऑक्सीजन पैदा होगी, जोकि अपशिष्ट पदार्थ को जैव उत्पाद में बदलने में सहायक होगी और इससे वनों को भी संरक्षण मिलेगा.
उपायुक्त डॉ. आरके परुथी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गाय के गोबर के प्रयोग से गौ सदन आत्मनिर्भर बनेंगे, जबकि ये गौ काष्ठ उद्योगों व ईंट भट्टों में भी बेचे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी इस गोबर लॉग की कीमत पांच रुपये रखी गई है और औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के उद्योगों से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं.
साथ ही लोगों से अपील की है कि गाय का गोबर कीमती है और लोग अपने घरों में भी ऐसी मशीन लगा सकते हैं और लॉग्स बना सकते हैं.
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