शिमला: प्रदेश में 76वां स्वतंत्रता दिवस का राज्यस्तरीय समारोह सिरमौर जिले के सराहां में मनाया गया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राज्य पुलिस, गृह रक्षक, एनसीसी, एनएसएस की टुकड़ियों से सलामी ली. पुलिस उप अधीक्षक प्रणव चौहान ने परेड की अगुवाई की. इस मौके पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली जनवरी, 2016 से संशोधित वेतनमान के एरियर की देय पहली (DA announcement hp) किश्त प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इसके लिए 1000 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान करेगी.
उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के लगभग 2.25 लाख कर्मचारी और 1.90 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी व पेंशनर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि संशोधित वेतनमान तथा पेंशन के फलस्वरूप कर्मचारियों तथा पेंशनरों को 3500 करोड़ रुपये का लाभ मिला है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश में पंचायतीराज विभाग में जिला परिषद् कैडर के तहत कार्यरत कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतनमान की घोषणा की. इससे लगभग 4000 कर्मचारी लाभान्वित होंगे. मुख्यमंत्री ने 12 वर्षों तक निरंतर सेवाएं प्रदान करने वाले पंचायत चौकीदारों की सेवाएं दैनिक भोगी आधार पर करने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों को (cm jairam on Independence Day) स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेशवासियों के लिए यह एक विशेष अवसर है. एक ओर हम जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं वहीं, हिमाचल प्रदेश के गठन के 75वें वर्ष के अवसर पर प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके अथक प्रयासों से भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पूरे राष्ट्र में लोग हर घर तिरंगा कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों, जन-नायकों और प्रदेश के लोगों ने भी देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अविस्मरणीय योगदान दिया है जो इतिहास में दर्ज है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लोगों के लिए गर्व की बात है कि 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश अपने अस्तित्व का 75वां वर्ष भी मना रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस अवसर पर पूरे प्रदेश में योजनाबद्ध तरीके से 75 कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य 75 वर्षों के दौरान प्रदेश की विकास यात्रा को प्रदर्शित करना है. उन्होंने लोगों से इन आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेने तथा प्रदेश के गौरवमयी 75 वर्षों का हिस्सा बनने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश ने इन वर्षों के दौरान अभूतपूर्व विकास किया है जिसका श्रेय कुशल नेतृत्व तथा प्रदेश के ईमानदार व कर्मठ लोगों को जाता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश ने इन वर्षों में न केवल आकार में बढ़ा है बल्कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय प्रगति की है. उन्होंने कहा कि अस्तित्व में आने के समय प्रदेश की साक्षरता दर केवल 4.8 प्रतिशत थी जो आज 83 प्रतिशत से अधिक हो गई है. उस समय सड़कों की लंबाई कुल 288 किलोमीटर थी जो आज बढ़कर 39,500 हो गई है. इसी प्रकार प्रदेश में कुल 301 शिक्षण संस्थान थे जिनकी संख्या आज 16,124 हो गई है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों और सीमित संसाधनों के बावजूद हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए विकास एवं जन कल्याण का आदर्श बनकर उभरा है. आज प्रदेश की अपनी एक अलग पहचान है और विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश की उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत बीपीएल परिवारों को सरसों का तेल 134 रुपये प्रति लीटर और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अतिरिक्त (ओटीएनएफएसए) के तहत एपीएल परिवारों को 139 रुपये प्रति लीटर, एनएफएसए के तहत बीपीएल परिवारों को रिफाईंड तेल 122 रुपये प्रति लीटर, ओटीएनएफएसए के तहत एपीएल परिवारों को 127 रुपये प्रति लीटर प्रदान किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ओटीएनएफएसए के तहत एपीएल परिवारों को खाद्य तेल पर 5 रुपये प्रति लीटर तथा एनएफएसए के तहत बीपीएल परिवारों को खाद्य तेल 10 रुपये प्रति लीटर का उपदान प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने ओटीएनएफएसए के तहत एपीएल परिवारों को खाद्य तेल पर प्रदान किए जाने वाले उपदान को दोगुना करते हुए 5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर और एनएफएसए के तहत बीपीएल परिवारों को खाद्य तेल पर प्रदान किए जाने वाले उपदान को 10 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्री-प्राईमरी शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए प्री-प्राईमरी शिक्षा नीति बनाने तथा आवश्यकतानुसार प्री-प्राईमरी शिक्षकों की भर्ती करने की (pre primary education policy in hp) घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के निचले एवं मध्य क्षेत्र के किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार 10 वर्षीय पातन (कटान) कार्यक्रम से खैर को बाहर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी.
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