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मोहर्रम के 40 दिन बाद नाहन में निकाला गया चेलम का ताजिया - चेलम का ताजिया

नाहन में मोहर्रम के 40 दिन बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा रविवार को चेलम का ताजिया निकाला गया. यह ताजिया शहर की रानीताल मस्जिद से निकाला गया. दरअसल अहम बात यह रही कि चेलम का ताजिया के अवसर पर एक बार फिर शहर में हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी भाईचारा देखने को मिला. नव युवा शिव मंडल के सदस्यों ने भी इस दौरान शिरकत की. बता दें कि इससे पूर्व कुछ दिन पहले वामन द्वादशी के अवसर पर मुस्लिम भाइयों ने भी रानीताल मंदिर में पहुंचकर शोभायात्रा में शिरकत की थी.

chellam tajiya taken out in nahan
मोहर्रम के 40 दिन बाद नाहन में निकाला गया चेहलम का ताजिया
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Published : Sep 11, 2022, 6:39 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 7:13 PM IST

नाहन: 1621 में बसे ऐतिहासिक शहर नाहन में मोहर्रम के 40 दिन बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा रविवार को चेलम का ताजिया निकाला गया. यह ताजिया शहर की रानीताल मस्जिद से निकाला गया. इस ताजिया को सड़क पर मातमपूर्ण माहौल के बीच घुमाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

दरअसल अहम बात यह रही कि चेलम का ताजिया के अवसर पर एक बार फिर शहर में हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी भाईचारा देखने को मिला. नव युवा शिव मंडल के सदस्यों ने भी इस दौरान शिरकत की. बता दें कि इससे पूर्व कुछ दिन पहले वामन द्वादशी के अवसर पर मुस्लिम भाइयों ने भी रानीताल मंदिर में पहुंचकर शोभायात्रा में शिरकत की थी.

वीडियो.

ताजिया कमेटी रानीताल के पदाधिकारी इमरोज हुसैन ने बताया कि मोहर्रम के 40 दिन के बाद आज शहर में चेलम ताजिया निकाला गया. उन्होंने बताया कि कर्बला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन जी का काटा गया सिर 40 दिन तक रखा गया था और उन्हीं की याद में यह ताजिया चेलम निकाला जाता है. उन्होंने बताया कि नाहन शहर में रियासत काल के समय से ताजिए निकाले जाते हैं. यहां हिन्दू मुस्लिम के बीच आपसी भाईचारा भी देखा का सकता है. बता दें कि पिछले 2 सालों से कोविड के कारण चेलम का ताजिया नहीं निकाला गया था, लेकिन इस बार यह ताजिया रानीताल से निकाला गया. शहर की हर मस्जिद से हर साल बारी-बारी से चेलम का ताजिया निकाला जाता है.

ये भी पढ़ें- Luhnu Cricket Stadium: बिलासपुर के लुहणू क्रिकेट स्टेडियम में बनेगा अंतरराष्ट्रीय पवेलियन

नाहन: 1621 में बसे ऐतिहासिक शहर नाहन में मोहर्रम के 40 दिन बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा रविवार को चेलम का ताजिया निकाला गया. यह ताजिया शहर की रानीताल मस्जिद से निकाला गया. इस ताजिया को सड़क पर मातमपूर्ण माहौल के बीच घुमाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

दरअसल अहम बात यह रही कि चेलम का ताजिया के अवसर पर एक बार फिर शहर में हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी भाईचारा देखने को मिला. नव युवा शिव मंडल के सदस्यों ने भी इस दौरान शिरकत की. बता दें कि इससे पूर्व कुछ दिन पहले वामन द्वादशी के अवसर पर मुस्लिम भाइयों ने भी रानीताल मंदिर में पहुंचकर शोभायात्रा में शिरकत की थी.

वीडियो.

ताजिया कमेटी रानीताल के पदाधिकारी इमरोज हुसैन ने बताया कि मोहर्रम के 40 दिन के बाद आज शहर में चेलम ताजिया निकाला गया. उन्होंने बताया कि कर्बला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन जी का काटा गया सिर 40 दिन तक रखा गया था और उन्हीं की याद में यह ताजिया चेलम निकाला जाता है. उन्होंने बताया कि नाहन शहर में रियासत काल के समय से ताजिए निकाले जाते हैं. यहां हिन्दू मुस्लिम के बीच आपसी भाईचारा भी देखा का सकता है. बता दें कि पिछले 2 सालों से कोविड के कारण चेलम का ताजिया नहीं निकाला गया था, लेकिन इस बार यह ताजिया रानीताल से निकाला गया. शहर की हर मस्जिद से हर साल बारी-बारी से चेलम का ताजिया निकाला जाता है.

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Last Updated : Sep 11, 2022, 7:13 PM IST
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