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सिरमौर पुलिस ने नशा तस्करों पर कसा शिकंजा, इस साल पुलिस ने दर्ज किए 47 मामले

इस साल जिला पुलिस अब तक चरस, भांग, नशीली दवाओं, चूरापोस्त, स्मैक इत्यादि की अवैध सप्लाई के करीब 47 मामलों का पर्दाफाश कर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है जबकि पिछले साल इस समयावधि के दौरान तक 29 मामले ही दर्ज हुए थे. नशे के सौदागरों के खिलाफ आने वाले दिनों में पुलिस और तेजी से कार्रवाई करेगी.

SP Sirmaur
अजय कृष्ण शर्मा, एसपी सिरमौर
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Published : Jul 14, 2020, 10:42 AM IST

Updated : Jul 14, 2020, 12:18 PM IST

नाहन: तीन राज्यों से सटे देवभूमि हिमाचल के सिरमौर जिला में पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ लगातार शिकंजा कसती जा रही है, नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एसपी सिरमौर के सख्त निर्देशों पर पुलिस हर दूसरे-तीसरे दिन नशा तस्करी के मामलों का खुलासा कर रही है.

दरअसल इस साल जिला पुलिस अब तक चरस, भांग, नशीली दवाओं, चूरापोस्त, स्मैक इत्यादि की अवैध सप्लाई के करीब 47 मामलों का पर्दाफाश कर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है जबकि पिछले साल इस समयावधि के दौरान तक 29 मामले ही दर्ज हुए थे, नशे के सौदागरों के खिलाफ आने वाले दिनों में पुलिस और तेजी से कार्रवाई करेगी. जिला के एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने इस बारे में साफ संकेत दिए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

एसपी सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ जीरा टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम किया जा रहा है. इसी पॉलिसी के तहत सिरमौर पुलिस भी नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत अब तक इस साल करीब 47 मामले नशे के सौदागरों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं. एसपी ने बताया कि पिछले साल अब तक करीब 29 मामले दर्ज किए गए थे.

एसपी ने दो टूक शब्दों में नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि नशे के खिलाफ किसी भी तरह की कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. इस अभियान को ओर अधिक तेज किया जाएगा जिसके लिए जिला के सभी थानों व चौकी प्रभारियों को निर्देश दिए गए है. साथ ही एसआईयू यूनिट को भी एक्टिवेट किया गया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आने वाले समय में और अधिक तेजी से नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसा जाएगा और नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा.

पड़ोसी राज्यों से सप्लाई होने वाले नशे पर विशेष नजर

एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने कहा कि सर्वविधित है कि सिरमौर जिला के साथ पड़ोसी की सीमाएं लगती है और वहां के आसपास के पड़ोसी जिलों से नशा तस्करी होती है, जिसको ध्यान में रखते हुए पुलिस अपने इंटेलिजेस नेटवर्क का स्ट्रेंथन कर रही है. इसके साथ ही मुखबरी भी कायम की जा रही है, ताकि जो लोग इस तरह के नशे का सामान लेकर आ रहे हैं, उनको तुरंत प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही दबोच लिया जाए.

ये भी पढ़ें: CM के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की कवायद तेज, AAI की टीम ने किया सर्वेक्षण

नाहन: तीन राज्यों से सटे देवभूमि हिमाचल के सिरमौर जिला में पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ लगातार शिकंजा कसती जा रही है, नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एसपी सिरमौर के सख्त निर्देशों पर पुलिस हर दूसरे-तीसरे दिन नशा तस्करी के मामलों का खुलासा कर रही है.

दरअसल इस साल जिला पुलिस अब तक चरस, भांग, नशीली दवाओं, चूरापोस्त, स्मैक इत्यादि की अवैध सप्लाई के करीब 47 मामलों का पर्दाफाश कर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है जबकि पिछले साल इस समयावधि के दौरान तक 29 मामले ही दर्ज हुए थे, नशे के सौदागरों के खिलाफ आने वाले दिनों में पुलिस और तेजी से कार्रवाई करेगी. जिला के एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने इस बारे में साफ संकेत दिए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

एसपी सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ जीरा टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम किया जा रहा है. इसी पॉलिसी के तहत सिरमौर पुलिस भी नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत अब तक इस साल करीब 47 मामले नशे के सौदागरों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं. एसपी ने बताया कि पिछले साल अब तक करीब 29 मामले दर्ज किए गए थे.

एसपी ने दो टूक शब्दों में नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि नशे के खिलाफ किसी भी तरह की कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. इस अभियान को ओर अधिक तेज किया जाएगा जिसके लिए जिला के सभी थानों व चौकी प्रभारियों को निर्देश दिए गए है. साथ ही एसआईयू यूनिट को भी एक्टिवेट किया गया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आने वाले समय में और अधिक तेजी से नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसा जाएगा और नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा.

पड़ोसी राज्यों से सप्लाई होने वाले नशे पर विशेष नजर

एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने कहा कि सर्वविधित है कि सिरमौर जिला के साथ पड़ोसी की सीमाएं लगती है और वहां के आसपास के पड़ोसी जिलों से नशा तस्करी होती है, जिसको ध्यान में रखते हुए पुलिस अपने इंटेलिजेस नेटवर्क का स्ट्रेंथन कर रही है. इसके साथ ही मुखबरी भी कायम की जा रही है, ताकि जो लोग इस तरह के नशे का सामान लेकर आ रहे हैं, उनको तुरंत प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही दबोच लिया जाए.

ये भी पढ़ें: CM के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की कवायद तेज, AAI की टीम ने किया सर्वेक्षण

Last Updated : Jul 14, 2020, 12:18 PM IST
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