नाहन: सिरमौर जिला में पर्यटन, आपदा प्रबंधन सहित सामारिक दृष्टि के चलते 24 स्थानों पर हेलीपैड बनाने की योजना है. इस कड़ी में जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तावित हेलीपैड के लिए स्थानों को भी चिन्हित कर लिया गया है. जिला में प्रत्येक उपमंडल स्तर पर हेलीपैड बनाए जाएंगे, जिससे आपदाकाल व आपातकालीन परिस्थितियों में हेलीकाॅप्टर की मदद से सहायता की जा सके. इसके चलते सिरमौर प्रशासन ने हेलीपैड बनाने के लिए जिलाभर में 24 स्थानों को चिन्हित किया है. जहां पर ये हेलीपैड बनाए जाने प्रस्तावित हैं. इन हेलीपैड को बनाने का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ाया देना भी है.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि जिला में 24 स्थान हेलीपैड के लिए चिन्हित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि आज हर सब डिवीजन में हेलीपैड का होना आवश्यक है, जिससे आपदा की स्थिति में किसी भी परेशानी का सामना किया जा सके. साथ ही इमरजेंसी हालात को काबू करने के लिए हेलीपैड का होना बेहद आवश्यक है. वहीं, पर्यटन की दृष्टि से भी प्रत्येक सब डिवीजन में एक-दो हेलीपैड का होना आवश्यक है. जिला में चयनित 24 स्थान की ट्रायल लैडिंग को लेकर सभी दस्तावेज केंद्र सरकार को भेज दिए गए हैं.
आर्मी से अलग नाहन में जुड्डा का जोहड़ में बना हेलीपैड
नाहन के समीप जुड्डा का जोहड़ में अब लैडिंग की जा सकेगी. इससे पहले शहर में सेना का हेलीपेड है, लेकिन उसकी अनुमति लेने में कई बार दिक्कतें आती थीं. जुड्डा का जोहड़ हेलीपैड बनने से लाभ मिल सकेगा. डीसी डॉ. परूथी ने यह भी बताया कि कुछ ही समय पहले बिरला में हेलीपैड बनाया गया था. इसके अलावा नाहन के समीप 5 किलोमीटर दूर जुड्डा का जोहड़ में हैलीपेड बनाया गया है, जिसकी ट्रायल लैडिंग भी हो चुकी है, जो कि क्लीयर भी हो चुकी है. इससे पहले नाहन में आर्मी ग्राउंड में लैडिंग के लिए अनुमति संबंधी समस्या में काफी समय लग जाता था.
पर्यटन की दृष्टि से पूरे जिला को हेली टैक्सी से कवर करने का रहेगा प्रयास
डीसी डॉ. परूथी ने बताया कि जिला प्रशासन की कोशिश रहेगी कि आने वाले समय में पर्यटन की दृष्टि, आपदा प्रबंधन व एमरजेंसी हालात को देखते हुए चयनित किए गए हेलीपैड को ओर ज्यादा फंक्शनल करेंगे. वहीं, जहां पर कच्चा है, उसे पक्का करेंगे. साथ ही जहां पर जो जरूरत है, उसे पूरा करेंगे. पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर ये सारा काम करेंगे. साथ ही आने वाले समय में पूरे सिरमौर जिला को हेली टैक्सी से कवर करने की कोशिश करेंगे.
कुल मिलाकर जिला भर में इन दो दर्जन हेलीपैड से जहां पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे. वहीं आपदाकाल सहित एमरजेंसी हालातों में ये हेलीपैड मदद करने में भी सहायक साबित होंगे.