नाहन: सिरमौर जिला में बाल विवाह के मामले फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहे है. हालांकि इस साल इन मामलों का ग्राफ थोड़ा कम जरूर हुआ है. जिले में अब तक अप्रैल माह से बाल विवाह के 21 मामले चाइल्ड लाइन सिरमौर (Child line Sirmaur) के पास पहुंचे है, जिनमें से कुछ मामले पॉस्को एक्ट में तब्दील हुए है. यह जानकारी चाइल्ड लाइन सिरमौर की समन्वयक (Child Line Coordinator Sirmaur) सुमित्रा शर्मा ने पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी.
दरअसल जिला समन्वयक सुमित्रा शर्मा 14 नवंबर से शुरू हुए चाइल्ड लाइन से दोस्ती सप्ताह के तहत आयोजित हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों की कड़ी में शनिवार को नाहन में मीडिया को संबोधित कर रही थी. मीडिया से बात करते हुए चाइल्ड लाइन (child line) की जिला समन्वयक सुमित्रा शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जिले के गिरिपार क्षेत्र से बाल विवाह के मामलों में अधिक सामने आते है, लेकिन इस साल इन मामलों का ग्राफ थोड़ा कम हुआ है.
सुमित्रा शर्मा ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड के मुताबिक अप्रैल माह से अब तक जिले में बाल विवाह के 21 मामले सामने आए है, जिनमें से कुछ पॉस्को एक्ट (POCSO Act) में तब्दील हुए हैं, जबकि एक मामले में लड़की की उम्र 18 वर्ष से ऊपर पाई गई है. उन्होंने बताया कि लिहाजा जिले में इस साल 20 मामले ही बाल विवाह के सामने आए हैं. जिला समन्वयक ने बताया कि सिरमौर जिले (District Sirmaur Himachal Pradesh) के संगड़ाह, शिलाई (shilai Himachal) व पांवटा साहिब (Paonta Sahib) से ही अधिकतर बाल विवाह के मामले सामने आते है.
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उन्होंने कहा कि हालांकि बाल विवाह (Child marriage) के मामलों में कुछ कमी आई है, जिसका एक बड़ा कारण पुलिस का सहयोग रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन मामलों में और अधिक कमी आएगी. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि इस तरह की शिकायतों को तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर (Child Helpline Number) 1098 पर दर्ज करवाएं.
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