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चेक बाउंस मामले में 3 महीने की सजा, 4 लाख 70 हजार का जुर्माना - चेक बाउंस मामले में सजा

मंडी में चेक बाउंस के एक मामले में एक महिला उद्यमी को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मंडी राजेंद्र कुमार ने तीन साल की कैद की सजा सुनाई है. महिला को 4 लाख 70 हजार का जुर्माना भी देना पड़ेगा.

cheque bounce case in Mandi
चेक बाउंस मामला मंडी
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Published : Mar 11, 2020, 11:09 PM IST

मंडी: चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मंडी राजेंद्र कुमार की अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले में एक महिला उद्यमी को तीन साल की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही उसे 4 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा.

मंडी के सेरी बाजार स्थित आईडीबीआई बैंक की शाखा ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से मंडी शहर के रामनगर निवासी शालू पत्नी मनोज कुमार मालिक शालू रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री शॉप नंबर 194/12 के खिलाफ नेगोशियबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत मामला दर्ज करवाया था.

जानकारी के अनुसार मैसर्ज शालू रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री को बैंक ने लोन दिया था. यह लोन समय पर वापस नहीं हुआ और जब देनदारी बढ़ती गई तो बैंक ने उसे लोन चुकाने को कहा. लोन के बदले में शालू ने बैंक को एक चेक दिनांक 24 अप्रैल 2018 राशि 4 लाख 59,451 का जारी किया. मगर उसके खाते में इस चेक को अदा करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं थी.

यह चेक बाउंस हो गया और जब इस मामले को लेकर शालू को बार बार नोटिस भेजे गए तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इस पर बैंक ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से अदालत में मामला दर्ज किया. आरोप था कि शालू ने जानबूझ कर यह जानते हुए भी कि उनके खाते में पैसा पूरा नहीं है चेक जारी करके बैंक के साथ धोखा किया. चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार की अदालत ने इस पर अपना निर्णय देते हुए शालू पत्नी मनोज कुमार को तीन महीने की कैद में 4 लाख 70 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा भी सुनाई.

ये भी पढ़ें: सदन ते कांग्रेस रे वॉकआउट पर CM लिती चुटकी, देखा हिमाचल री बड्डी खबरां

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मंडी के सेरी बाजार स्थित आईडीबीआई बैंक की शाखा ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से मंडी शहर के रामनगर निवासी शालू पत्नी मनोज कुमार मालिक शालू रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री शॉप नंबर 194/12 के खिलाफ नेगोशियबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत मामला दर्ज करवाया था.

जानकारी के अनुसार मैसर्ज शालू रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री को बैंक ने लोन दिया था. यह लोन समय पर वापस नहीं हुआ और जब देनदारी बढ़ती गई तो बैंक ने उसे लोन चुकाने को कहा. लोन के बदले में शालू ने बैंक को एक चेक दिनांक 24 अप्रैल 2018 राशि 4 लाख 59,451 का जारी किया. मगर उसके खाते में इस चेक को अदा करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं थी.

यह चेक बाउंस हो गया और जब इस मामले को लेकर शालू को बार बार नोटिस भेजे गए तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इस पर बैंक ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से अदालत में मामला दर्ज किया. आरोप था कि शालू ने जानबूझ कर यह जानते हुए भी कि उनके खाते में पैसा पूरा नहीं है चेक जारी करके बैंक के साथ धोखा किया. चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार की अदालत ने इस पर अपना निर्णय देते हुए शालू पत्नी मनोज कुमार को तीन महीने की कैद में 4 लाख 70 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा भी सुनाई.

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