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मंडी में साहसिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा, पर्यटन विभाग खर्च करेगा 18 करोड़ रुपये

मंडी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 'नई राहें नई मंजिलें' कार्यक्रम के तहत 18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उपनिदेशक पर्यटन विभाग मंडी पंकज शर्मा ने बताया कि जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए छह से सात नई टैकिंग रूट बनाए जा रहे हैं. इनका निर्माण नई मंजिले नई राहें कार्यक्रम के तहत हो रहा है.

मंडी में पर्यटन विभाग खर्च करेगा 18 करोड़ रुपये
मंडी में पर्यटन विभाग खर्च करेगा 18 करोड़ रुपये
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Published : Nov 18, 2020, 10:18 AM IST

मंडी: जिला मंडी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 'नई राहें नई मंजिलें' कार्यक्रम के तहत 18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके तहत ट्रैक स्थल बनाकर पर्यटकों को वहां तक पहुंचाया जाएगा. यहां पर्यटकों की सुविधा अनुसार टेंट, इंटरपटेशन सेंटर, विश्राम स्थल का निर्माण भी हो रहा है. पर्यटन विभाग पांच नए ऐसे रूट बना रहा है, जहां 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पर्यटन क्षेत्र की साहसिक गतिविधियों में पैराग्लाइडिंग व राफ्टिंग के साथ अब अनछुए पर्यटन स्थलों तक ट्रैकिंग के जरिए पर्यटक पहुंचेंगे.

उपनिदेशक पर्यटन विभाग मंडी पंकज शर्मा ने बताया कि जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए छह से सात नई टैकिंग रूट बनाए जा रहे हैं. इनका निर्माण नई मंजिले नई राहें कार्यक्रम के तहत हो रहा है. उन्होंने बताया कि पंजाई से चुंजवाला तक सात किलोमीटर, शैटाधार से टूंगासी तक छह किलोमीटर, बिजाली से डूंगाथाच तक पांच किलोमीटर, हनोणी से बढ़ोगी तक सात किलोमीटर, गढ़थाच-गड़सा-देवकांडा तक आठ किलोमीटर ट्रैक बनेगा.

इसके तहत शाटाधार में 15, रैनगलू पांच, देवीदड़ में पांच ट्रैकिंग साइट बनाए जा रहे हैं. 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई के ट्रैक पर पहले आम लोग तो पहुंचते थे, लेकिन पर्यटकों को अधिक जानकारी नहीं होती थी. ऐसे में अब इन ट्रैक को विकसित कर यहां तक पहुंचाया जा रहा है.

सबसे लंबा ट्रैक आठ किलोमीटर का गढ़थाच से देवगांढा तक का होगा. ईको टूरिज्म व जैवविविधता को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग सराज में कैक्टस पार्क भी बना रहा है. इस पर तीन से चार लाख रुपये का खर्च हो रहा है. ईको टूरिज्म को प्रमोट के लिए टेंट की व्यवस्था को महत्व दिया गया है.

मंडी: जिला मंडी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 'नई राहें नई मंजिलें' कार्यक्रम के तहत 18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके तहत ट्रैक स्थल बनाकर पर्यटकों को वहां तक पहुंचाया जाएगा. यहां पर्यटकों की सुविधा अनुसार टेंट, इंटरपटेशन सेंटर, विश्राम स्थल का निर्माण भी हो रहा है. पर्यटन विभाग पांच नए ऐसे रूट बना रहा है, जहां 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पर्यटन क्षेत्र की साहसिक गतिविधियों में पैराग्लाइडिंग व राफ्टिंग के साथ अब अनछुए पर्यटन स्थलों तक ट्रैकिंग के जरिए पर्यटक पहुंचेंगे.

उपनिदेशक पर्यटन विभाग मंडी पंकज शर्मा ने बताया कि जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए छह से सात नई टैकिंग रूट बनाए जा रहे हैं. इनका निर्माण नई मंजिले नई राहें कार्यक्रम के तहत हो रहा है. उन्होंने बताया कि पंजाई से चुंजवाला तक सात किलोमीटर, शैटाधार से टूंगासी तक छह किलोमीटर, बिजाली से डूंगाथाच तक पांच किलोमीटर, हनोणी से बढ़ोगी तक सात किलोमीटर, गढ़थाच-गड़सा-देवकांडा तक आठ किलोमीटर ट्रैक बनेगा.

इसके तहत शाटाधार में 15, रैनगलू पांच, देवीदड़ में पांच ट्रैकिंग साइट बनाए जा रहे हैं. 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई के ट्रैक पर पहले आम लोग तो पहुंचते थे, लेकिन पर्यटकों को अधिक जानकारी नहीं होती थी. ऐसे में अब इन ट्रैक को विकसित कर यहां तक पहुंचाया जा रहा है.

सबसे लंबा ट्रैक आठ किलोमीटर का गढ़थाच से देवगांढा तक का होगा. ईको टूरिज्म व जैवविविधता को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग सराज में कैक्टस पार्क भी बना रहा है. इस पर तीन से चार लाख रुपये का खर्च हो रहा है. ईको टूरिज्म को प्रमोट के लिए टेंट की व्यवस्था को महत्व दिया गया है.

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