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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी नहीं सुलझा रहस्य, बीमारी के कारण ही जीवन से निराश थे सांसद रामस्वरूप - MANDI NEWS

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ये साफ खुलासा कर रही है कि सांसद के गले में रस्सी से दबने के निशान पाए गए हैं. सांसद के करीबियों का कहना है कि वे जोगिंदर नगर के घर से दिल्ली के लिए एक रस्सी लेकर गए थे. हालांकि, अंतिम फैसला विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही होगा. फिलहाल, रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या से पहले ही परिस्थितियों को देखें तो वे भीतर ही भीतर घुट रहे थे.

The mystery of MP Ram Swaroop Sharma's death has not been solved even by postmortem
फोटो.
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Published : Apr 2, 2021, 9:01 AM IST

शिमला: हिमाचल के मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रामस्वरूप शर्मा बीमारी के कारण ही जीवन से निराश थे. अब ये स्पष्ट होने लगा है कि सांसद की आत्महत्या के पीछे बीमारियों से उपजे कष्ट ही थे. कारण ये है कि सांसद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी उनकी आत्महत्या के रहस्य से पर्दा नहीं उठा.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ये साफ खुलासा कर रही है कि सांसद के गले में रस्सी से दबने के निशान पाए गए हैं. यदि रिपोर्ट की इस बात को मानें तो ये स्पष्ट है कि रामस्वरूप शर्मा ने बीमारियों से आहत होकर ही जान देने का फैसला लिया. हालांकि, अंतिम फैसला विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही होगा. फिलहाल, रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या से पहले ही परिस्थितियों को देखें तो वे भीतर ही भीतर घुट रहे थे.

जोगिंदर नगर से दिल्ली रस्सी लेकर गए थे सांसद

सांसद के करीबियों का कहना है कि वे जोगिंदर नगर के घर से दिल्ली के लिए एक रस्सी लेकर गए थे. उन्होंने परिजनों से कहा था कि दिल्ली में स्थित आवास में कपड़े सुखाने के लिए ये रस्सी चाहिए. मनोचिकित्सकों की बात मानें तो इससे साफ संकेत मिलता है कि एमपी अपने जीवन को समाप्त करना चाहते थे. यही नहीं, रामस्वरूप शर्मा ने अपनी इहलीला खत्म करने से पहले इलाके के श्मशान घाट व मच्छयाल स्थित परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए पचास लाख रुपए जारी किए थे. कुछ पैसा उन्होंने अपने निजी खाते से दिया था.

पुरानी घटनाओं की कड़ियां जोड़ रहे परिजन

सांसद के निकट परिजन भी अब पुरानी घटनाओं की कड़ियों को जोड़ रहे हैं. उसी सिलसिले में ये सामने आया है कि आखिरकार जोगिंदर नगर स्थित घर से दिल्ली आवास के लिए रस्सी ले जाने की क्या वजह है. बताया जा रहा है कि आत्महत्या के लिए जो रस्सी प्रयोग की गई, वो सेम थी, जिसे वे घर से ले गए थे. अपने आखिरी समय में रामस्वरूप शर्मा मीडिया से भी दूरी बनाकर रहने लगे थे. वे मीडिया कर्मियों के बीच लोकप्रिय थे और आसानी से सभी को उपलब्ध थे.

सांसद के हार्ट की हुई थी सर्जरी

जहां तक बीमारियों का सवाल है तो सांसद की हार्ट की सर्जरी हुई थी. इसके अलावा वे गंभीर रूप से पाइल्स की बीमारी से भी जूझ रहे थे. उन्होंने कुछ समय पहले पालमपुर में पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से भी उपचार करवाया था. उनका वजन काफी कम हो गया था. यही नहीं, विधानसभा में जब उनके निधन पर शोक उद्गार व्यक्त किए जा रहे थे तो सीएम जयराम ठाकुर व कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने भी संकेत दिए थे कि रामस्वरूप शर्मा बीमारी से परेशान थे. उनकी आखिरी बातचीत अपनी धर्मपत्नी से हुई थी, जो उस समय तीर्थयात्रा पर निकली हुई थीं.

सरकारी आवास पर फंदे से लटककर की थी आत्महत्या

यहां बता दें कि सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 17 मार्च को दिल्ली स्थित सरकारी आवास में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था. कॉल डिटेल से भी कुछ खास पता नहीं चला है. सारी परिस्थितियों को देखें तो रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या के पीछे उनकी बीमारियां ही नजर आ रही हैं. सेहत को लेकर वे परेशान रहने लगे थे.

ये भी पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: हिमाचल में अप्रैल में नहीं होंगी ग्राम सभाएं

शिमला: हिमाचल के मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रामस्वरूप शर्मा बीमारी के कारण ही जीवन से निराश थे. अब ये स्पष्ट होने लगा है कि सांसद की आत्महत्या के पीछे बीमारियों से उपजे कष्ट ही थे. कारण ये है कि सांसद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी उनकी आत्महत्या के रहस्य से पर्दा नहीं उठा.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ये साफ खुलासा कर रही है कि सांसद के गले में रस्सी से दबने के निशान पाए गए हैं. यदि रिपोर्ट की इस बात को मानें तो ये स्पष्ट है कि रामस्वरूप शर्मा ने बीमारियों से आहत होकर ही जान देने का फैसला लिया. हालांकि, अंतिम फैसला विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही होगा. फिलहाल, रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या से पहले ही परिस्थितियों को देखें तो वे भीतर ही भीतर घुट रहे थे.

जोगिंदर नगर से दिल्ली रस्सी लेकर गए थे सांसद

सांसद के करीबियों का कहना है कि वे जोगिंदर नगर के घर से दिल्ली के लिए एक रस्सी लेकर गए थे. उन्होंने परिजनों से कहा था कि दिल्ली में स्थित आवास में कपड़े सुखाने के लिए ये रस्सी चाहिए. मनोचिकित्सकों की बात मानें तो इससे साफ संकेत मिलता है कि एमपी अपने जीवन को समाप्त करना चाहते थे. यही नहीं, रामस्वरूप शर्मा ने अपनी इहलीला खत्म करने से पहले इलाके के श्मशान घाट व मच्छयाल स्थित परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए पचास लाख रुपए जारी किए थे. कुछ पैसा उन्होंने अपने निजी खाते से दिया था.

पुरानी घटनाओं की कड़ियां जोड़ रहे परिजन

सांसद के निकट परिजन भी अब पुरानी घटनाओं की कड़ियों को जोड़ रहे हैं. उसी सिलसिले में ये सामने आया है कि आखिरकार जोगिंदर नगर स्थित घर से दिल्ली आवास के लिए रस्सी ले जाने की क्या वजह है. बताया जा रहा है कि आत्महत्या के लिए जो रस्सी प्रयोग की गई, वो सेम थी, जिसे वे घर से ले गए थे. अपने आखिरी समय में रामस्वरूप शर्मा मीडिया से भी दूरी बनाकर रहने लगे थे. वे मीडिया कर्मियों के बीच लोकप्रिय थे और आसानी से सभी को उपलब्ध थे.

सांसद के हार्ट की हुई थी सर्जरी

जहां तक बीमारियों का सवाल है तो सांसद की हार्ट की सर्जरी हुई थी. इसके अलावा वे गंभीर रूप से पाइल्स की बीमारी से भी जूझ रहे थे. उन्होंने कुछ समय पहले पालमपुर में पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से भी उपचार करवाया था. उनका वजन काफी कम हो गया था. यही नहीं, विधानसभा में जब उनके निधन पर शोक उद्गार व्यक्त किए जा रहे थे तो सीएम जयराम ठाकुर व कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने भी संकेत दिए थे कि रामस्वरूप शर्मा बीमारी से परेशान थे. उनकी आखिरी बातचीत अपनी धर्मपत्नी से हुई थी, जो उस समय तीर्थयात्रा पर निकली हुई थीं.

सरकारी आवास पर फंदे से लटककर की थी आत्महत्या

यहां बता दें कि सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 17 मार्च को दिल्ली स्थित सरकारी आवास में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था. कॉल डिटेल से भी कुछ खास पता नहीं चला है. सारी परिस्थितियों को देखें तो रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या के पीछे उनकी बीमारियां ही नजर आ रही हैं. सेहत को लेकर वे परेशान रहने लगे थे.

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