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स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन के साथ मनाया स्थापना दिवस, 1925 में हुआ था प्रारंभ

सुंदरनगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने विजयदशमी के दिन अपना स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम में जिला संघ चालक केएल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का प्रारंभ दशहरे के दिन वर्ष 1925 में किया गया.

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Published : Oct 8, 2019, 3:37 PM IST

सुंदरनगर: जिला मंडी के सुंदरनगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने विजयदशमी के दिन अपना स्थापना दिवस मनाया. इस पावन अवसर पर सुंदरनगर के जवाहर पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग 500 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित होकर पूरे शहर की परिक्रमा कर पथ संचलन किया.

स्थापना दिवस पर स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन भी किया. कार्यक्रम में जिला संघ चालक केएल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का प्रारंभ दशहरे के दिन वर्ष 1925 में किया गया. उन्होंने कहा कि नागपुर के एक उपेक्षित से मैदान में 10-12 किशोर बालकों के साथ खेलकूद और व्यायाम करके डॉ. हेडगेवार ने संघ की शुरुआत की थी. संघ का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष 1928 में रखा गया था.

वीडियो.

इस समय भारत भर में 35 हजार से अधिक स्थानों पर संघ की दैनिक शाखाएं और 10 हजार से अधिक स्थानों पर साप्ताहिक शाखाएं लगती हैं. केएल वर्मा ने कहा कि संघ का मूल स्वरूप दैनिक शाखाओं का है लेकिन साप्ताहिक शाखाएं ऐसे लोगों के लिए चलाई जाती हैं जो संघ से जुड़ना चाहते हैं लेकिन प्रतिदिन नहीं आ सकते. उन्होंने कहा कि संघ में आने वालों को स्वयंसेवक कहा जाता है. इसका अर्थ अपनी ही प्रेरणा से समाज की निस्वार्थ सेवा करने वाला है.

सुंदरनगर: जिला मंडी के सुंदरनगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने विजयदशमी के दिन अपना स्थापना दिवस मनाया. इस पावन अवसर पर सुंदरनगर के जवाहर पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग 500 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित होकर पूरे शहर की परिक्रमा कर पथ संचलन किया.

स्थापना दिवस पर स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन भी किया. कार्यक्रम में जिला संघ चालक केएल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का प्रारंभ दशहरे के दिन वर्ष 1925 में किया गया. उन्होंने कहा कि नागपुर के एक उपेक्षित से मैदान में 10-12 किशोर बालकों के साथ खेलकूद और व्यायाम करके डॉ. हेडगेवार ने संघ की शुरुआत की थी. संघ का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष 1928 में रखा गया था.

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इस समय भारत भर में 35 हजार से अधिक स्थानों पर संघ की दैनिक शाखाएं और 10 हजार से अधिक स्थानों पर साप्ताहिक शाखाएं लगती हैं. केएल वर्मा ने कहा कि संघ का मूल स्वरूप दैनिक शाखाओं का है लेकिन साप्ताहिक शाखाएं ऐसे लोगों के लिए चलाई जाती हैं जो संघ से जुड़ना चाहते हैं लेकिन प्रतिदिन नहीं आ सकते. उन्होंने कहा कि संघ में आने वालों को स्वयंसेवक कहा जाता है. इसका अर्थ अपनी ही प्रेरणा से समाज की निस्वार्थ सेवा करने वाला है.

Intro:सुंदरनगर में स्वंयसेवकों ने शस्त्र पूजन के साथ मनाया स्थापना दिवसBody:एकर : मंडी के सुंदरनगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वंयसेवकों द्वारा विजयदशमी के दिन विधिवत तौर पर स्थापना दिवस मनाया गया। इस पावन अवसर पर सुंदरनगर के जवाहर पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग 500 स्वंयसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित होकर पूरे शहर की परिक्रमा कर पथ संचलन किया। स्थापना दिवस पर स्वंयसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन भी किया गया। कार्यक्रम में जिला संघ चालक केएल वर्मा ने अपने विचार रखे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि संघ का प्रारम्भ दशहरे के दिन वर्ष 1925 में किया गया। उन्होंने कहा कि नागपुर के एक उपेक्षित से मैदान में 10-12 किशोर बालकों के साथ खेलकूद और व्यायाम करके डा. हेडगेवार  ने संघ की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि उस समय तक संघ का कोई नाम भी नहीं रखा गया था और संघ का नाम ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ काफी बाद में वर्ष 1928 में रखा गया था। उन्होंने कहा कि डा. हेडगेवार को उनके सहयोगियों द्वारा संघ का पहला सरसंघचालक नियुक्त किया गया। केएल वर्मा ने कहा कि मात्र 10-12 बालकों से प्रारम्भ हुआ संघ आज विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है और बीबीसी द्वारा संसार का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन माना गया है। इस समय भारत भर में 35 हजार से अधिक स्थानों पर संघ की दैनिक शाखायें और 10 हजार से अधिक स्थानों पर साप्ताहिक शाखाएंं लगती हैं। उन्होंने कहा कि संघ का मूल स्वरूप दैनिक शाखाओं का है, लेकिन साप्ताहिक शाखाएंं ऐसे लोगों के लिए चलायी जाती हैं, जो संघ से जुड़ना तो चाहते हैं, पर प्रतिदिन नहीं आ सकते। इसी प्रकार कहीं-कहीं मासिक एकत्रीकरण भी होते हैं।उन्होंनेे कहा कि संघ में आने वालों को स्वयंसेवक कहा जाता है। इसका अर्थ अपनी ही प्रेरणा से समाज की निस्वार्थ सेवा करने वाला है। उन्होंने कहा कि संघ की कोई सदस्यता नहीं होती। जैसे दूसरे संगठनों में लोग वार्षिक चन्दा देकर पर्ची कटवाकर सदस्य बन जाते हैं, वैसा संघ में नहीं होता। उन्होंने कहा कि शाखा में आना ही इसकी सदस्यता है। शाखायें सबके लिए खुली हुई हैं। जो भी व्यक्ति इस देश को प्यार करता है और यहांं की संस्कृति और महापुरुषों का सम्मान करता है, वह संघ की शाखाओं में आ सकता है। केएल वर्मा ने कहा कि संघ में सभी जातियों के हिन्दू और बहुत से मुसलमान-ईसाई भी आते हैं। लेकिन संघ में एक-दूसरे की जाति पूछना या बताना मना है। इस मौके पर सुंदरनगर के विधायक राकेश जंवाल, ठाकुर रूप सिंह,अभिषेक ठाकुर, मुख्य वक्ता प्रताप,मीडिया प्रभारी नंद लाल ठाकुर,दीपक आंगरा,श्याम लाल कश्यप, कृष्ण चंद,मोहर सिंह भी मौजूद रहे।Conclusion:बाइट : जिला संघ चालक केएल वर्मा
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