मंडीः नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद शहर की आबादी 26,431 से बढ़कर 41,000 से ज्यादा हो जाएगी. नगर निगम में शामिल किए जाने पर कुछ पंचायतों ने ग्रामीण संघर्ष समिति के बैनर तले सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया था. लोगों के विरोध के बाद भी प्रदेश सरकार ने मंडी नगर निगम में चार पंचायतों को पूरी तरह से जबकि 7 को आंशिक रूप से शामिल किया गया है.
नगर निगम बनने की खुशी में जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने सेरी मंच पर बुधवार पटाखे फोड़ कर और मिठाई बांटकर जश्न मनाया वहीं, सरकार के इस फैसले को आम जनता और कांग्रेस ने भी सराहा है.
मंडी में विकास कार्यों को मिलेगी गति
पूर्व पार्षद आशुतोष पाल ने कहा कि नगर परिषद में पहले बजट की कमी रहती थी. अब वह कमी दूर होगी और मंडी में विकास कार्य तेजी पकड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जो शहर के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र नगर निगम में शामिल किए गए हैं. उनमें भी सड़क, पानी, बिजली, सीवरेज की सुविधा के साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं भी आसानी से मिलेंगी जिससे ग्रामीण इलाके नगर निगम में आने से और तरक्की करेंगे.
जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ
वहीं, शहर के भगवान मोहल्ला निवासी कमल कांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस फैसले से खुश हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम बनने से जो जरूरतमंद परिवार है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रॉपर्टी के सर्किल रेट में भी वृद्धि होगी और लोगों की क्रेडिट लिमिट भी बढ़ेगी.
ऐतिहासिक शहर का होगा जीर्णोद्धार
साथ ही उन्होंने कहा कि मंडी शहर एक ऐतिहासिक शहर है और यहां पर बहुत पुरानी इमारतें भी हैं. नगर निगम बनने से जो पुरानी इमारतें हैं उनका जीर्णोद्धार भी अच्छी तरह से हो पाएगा.
ग्रामीणों इलाकों में हाउस टैक्स को बढ़ाए जाने की मांग
प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव देवेंद्र शर्मा ने भी नगर निगम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि शहर में नगर निगम बनने से विकास कार्यों को गति मिलेगी, वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जो हाउस टैक्स 3 साल के लिए ग्रामीण इलाकों का माफ किया गया है उसकी अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवार भी है जो अपना गुजारा मुश्किल से कर पाते हैं. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि शहरों और ग्रामीण इलाकों की व्यवस्था का अंतर होता है. प्रदेश सरकार इस तरह से टैक्स स्लैब बनाएं जिससे ग्रामीण इलाकों पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े.
पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में शुरू हुई थी कवायद
आपको बता दें कि मंडी नगर परिषद को नगर निगम बनाने की कवायद पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में शुरू हुई थी. 2012 से 2017 तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही उस समय नगर निगम बनाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई.
वहीं, अब 2019 में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी की जनता के साथ किया वायदा पूरा कर दिया है. मंडी नगर परिषद अब नगर निगम मंडी का दर्जा मिलने के बाद शहर स्मार्ट सिटी की दौड़ में भी शामिल हो गया है. नगर परिषद में इस समय 13 वार्ड है. नगर निगम बनने के बाद इनकी संख्या 15 से 20 के बीच हो सकती है.
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