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तीसरी जगह पर भी करसोग में डंपिंग साइट का विरोध, तहसीलदार से मिले लोग

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Published : Apr 16, 2022, 4:04 PM IST

करसोग में डंपिंग साइट विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अब ग्रामीणों ने तीसरी जगह पर चिन्हित की गई डंपिंग साइट का विरोध किया (Protest against dumping site in Karsog ) है. जिसके तहत आज शनिवार को गांव वासियों ने तहसीलदार से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा. डंपिंग साइट को लेकर स्थानीय जनता सहित नगर पंचायत के सदस्यों को एतराज से नगर पंचायत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

Protest against dumping site in Karsog
करसोग में डंपिंग साइट विवाद

करसोग: नगर पंचायत करसोग में लगातार तीसरी बार चिन्हित की गई डंपिंग साइट का गांव वासियों ने विरोध किया है. डंपिंग साइट को लेकर स्थानीय जनता सहित नगर पंचायत के सदस्यों को एतराज (Protest against dumping site in Karsog) है. ऐसे में नगर पंचायत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप आज शनिवार को तहसीलदार को ज्ञापन (villagers met karsog Tehsildar) सौंपा.

बता दें, करसोग में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना के तहत घरों से एकत्रित किए जाने वाले कूड़े कचरे को ठिकाने लगाने का मामला उलझता जा रहा है. नगर पंचायत ने डंपिंग साइट के लिए अपनी परिधि में ही पनौताधार में जो तीसरी जगह चिन्हित की थी, वहां भी स्थानीय जनता विरोध में उतर गई है.

तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में लोगों ने कहा है कि जिस पहाड़ी को काटकर डंपिंग साइट बनाई जा रही है, वहां पर देवता का स्थान है. जो लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ (Dumping site dispute in Karsog) होगा. इसके अतिरिक्त साथ में ही पांच से छह जल भंडारण टैंक है, जिससे करसोग को पानी की सप्लाई दी जाती है. ऐसे में डंपिंग साइट बनने से पेयजल दूषित होगा, जिससे क्षेत्र में जल जनित रोगों के फैलने का अंदेशा बना रहेगा.

करसोग में डंपिंग साइट विवाद पर तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर

गांव वासियों का कहना है साइट के आसपास काफी आबादी है. ऐसे में 70 से 80 डिग्री पहाड़ी पर जो कूड़ा डंप किया जाएगा, वह बारिश के साथ लोगों के घरों में घुसेगा. इन सभी तरह की परेशानियों को देखते हुए जनता डंपिंग साइट का विरोध कर रही है. बता दें कि इससे पूर्व नगर पंचायत ने ममेल पंचायत के तहत गगौण नाला व केलोधार के बालना में भी ग्रामीण डंपिंग साइट पर पहले ही विरोध जता चुके हैं. ऐसे में लगातार हो रहे विरोध से नगर पंचायत की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

स्थानीय निवासी राजीव शर्मा का कहना है कि नगर पंचायत ने पनौताधार में डंपिंग साइट के लिए स्थान चिन्हित किया है. यहां देवता का स्थान होने के साथ जल भंडारण टैंक और रिहायशी इलाका है. ऐसे में यह स्थान डंपिंग के लिए उपयुक्त नहीं है. जिस पर स्थानीय जनता विरोध जता रही है. इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल तहसीलदार से मिला.

वहीं, तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि (Tehsildar karsog on Dumping site) नगर पंचायत ने जो डंपिंग साइट चिन्हित की थी, उसका गांव वासियों ने विरोध जताया है और इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया है. उन्होंने कहा इस मामले पर एसडीएम से बात की जाएगी और इसका हल निकाला जाएगा.

ये भी पढ़ें:करसोग में डंपिंग साइट विवाद, गगौण नाला में लगी जेसीबी को ग्रामीणों ने रोका

करसोग: नगर पंचायत करसोग में लगातार तीसरी बार चिन्हित की गई डंपिंग साइट का गांव वासियों ने विरोध किया है. डंपिंग साइट को लेकर स्थानीय जनता सहित नगर पंचायत के सदस्यों को एतराज (Protest against dumping site in Karsog) है. ऐसे में नगर पंचायत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप आज शनिवार को तहसीलदार को ज्ञापन (villagers met karsog Tehsildar) सौंपा.

बता दें, करसोग में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना के तहत घरों से एकत्रित किए जाने वाले कूड़े कचरे को ठिकाने लगाने का मामला उलझता जा रहा है. नगर पंचायत ने डंपिंग साइट के लिए अपनी परिधि में ही पनौताधार में जो तीसरी जगह चिन्हित की थी, वहां भी स्थानीय जनता विरोध में उतर गई है.

तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में लोगों ने कहा है कि जिस पहाड़ी को काटकर डंपिंग साइट बनाई जा रही है, वहां पर देवता का स्थान है. जो लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ (Dumping site dispute in Karsog) होगा. इसके अतिरिक्त साथ में ही पांच से छह जल भंडारण टैंक है, जिससे करसोग को पानी की सप्लाई दी जाती है. ऐसे में डंपिंग साइट बनने से पेयजल दूषित होगा, जिससे क्षेत्र में जल जनित रोगों के फैलने का अंदेशा बना रहेगा.

करसोग में डंपिंग साइट विवाद पर तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर

गांव वासियों का कहना है साइट के आसपास काफी आबादी है. ऐसे में 70 से 80 डिग्री पहाड़ी पर जो कूड़ा डंप किया जाएगा, वह बारिश के साथ लोगों के घरों में घुसेगा. इन सभी तरह की परेशानियों को देखते हुए जनता डंपिंग साइट का विरोध कर रही है. बता दें कि इससे पूर्व नगर पंचायत ने ममेल पंचायत के तहत गगौण नाला व केलोधार के बालना में भी ग्रामीण डंपिंग साइट पर पहले ही विरोध जता चुके हैं. ऐसे में लगातार हो रहे विरोध से नगर पंचायत की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

स्थानीय निवासी राजीव शर्मा का कहना है कि नगर पंचायत ने पनौताधार में डंपिंग साइट के लिए स्थान चिन्हित किया है. यहां देवता का स्थान होने के साथ जल भंडारण टैंक और रिहायशी इलाका है. ऐसे में यह स्थान डंपिंग के लिए उपयुक्त नहीं है. जिस पर स्थानीय जनता विरोध जता रही है. इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल तहसीलदार से मिला.

वहीं, तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि (Tehsildar karsog on Dumping site) नगर पंचायत ने जो डंपिंग साइट चिन्हित की थी, उसका गांव वासियों ने विरोध जताया है और इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया है. उन्होंने कहा इस मामले पर एसडीएम से बात की जाएगी और इसका हल निकाला जाएगा.

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