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सीएम से समय ना मिलने पर बिफरी निजी ट्रांसपोर्ट यूनियन, किया ये ऐलान

मंडी में सीएम दौरे के दौरान उनसे मिलने के लिए समय ना देने का आरोप लगाते हुए‌ निजी ट्रांसपोर्ट यूनियन ने यह फैसला लिया है. निजी बस ऑपरेटर्स का कहना है कि मंडी में शुक्रवार से सड़कों पर निजी बसें नहीं चलेंगी और अन्य जिलों की भी गाड़ियां मंडी से होकर नहीं जाने दी जाएगी.

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Published : Jul 2, 2020, 9:41 PM IST

Private transport union mandi
कॉनसेप्ट इमेज

मंडीः जिला मंडी में सीएम दौरे के दौरान उनसे मिलने के लिए समय ना देने का आरोप लगाते हुए‌ निजी ट्रांसपोर्ट यूनियन ने यह फैसला लिया है कि मंडी में शुक्रवार से सड़कों पर निजी बसें नहीं चलेंगी और ना ही अन्य जिलों की निजी बसों को मंडी से गुजरने दिया जाएगा.

यूनियन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वीरवार मांगों को लेकर निजी ट्रांस्पोर्ट यूनियन ने मुख्यमंत्री से ‌मिलने के लिए बिपाशा सदन गई थी, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया गया. इसके चलते बस मालिकों ने नाराजगी जताई और शुक्रवार से मंडी जिला में कोई भी बस नहीं चलाने का फैसला लिया गया.

इसके साथ यह भी फैसला ‌लिया गया कि अन्य जिलों की बसों को भी मंडी जिला से नहीं गुजरने दिया जाएगा. अब मंडी जिला में केवल सरकारी बसें ही चलेगी. हालांकि अभी तक सभी सरकारी बसें भी सड़कों पर नहीं दौड़ पा रही हैं, लेकिन ताजा हालात के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम को अधिक बसें चलानी पड़ेंगी.

बता दें क‌ि वीरवार को मंडी में सौ रूटों पर ‌ही निजी बसें दौड़ना शुरू हुई थी. निजी बस ऑपरेटर जिलाध्यक्ष गुलशन दीवान ने बताया कि बसों को न चलाने का फैसला लिया गया. वीरवार सुबह लॉग रूटों पर गई हैं. वहीं, शुक्रवार को वापस होंगी और उसके बाद सभी बसें खड़ी रहेगी. और अन्य जिलों की भी गाड़ियां मंडी से होकर नहीं जाने दी जाएगी.

यह है मांगें

निजी ट्रांसपोर्ट यूनियन सरकार से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली की तर्ज पर न्यूनतम किराया दस रुपये करना, 31 मार्च 2021 तक टोकन टैक्स माफ, दो लाख रुपये प्रति बस भत्ते की मांग कर रही है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 1000 के पार हुआ कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा, सेना और पुलिस भी प्रभावित

मंडीः जिला मंडी में सीएम दौरे के दौरान उनसे मिलने के लिए समय ना देने का आरोप लगाते हुए‌ निजी ट्रांसपोर्ट यूनियन ने यह फैसला लिया है कि मंडी में शुक्रवार से सड़कों पर निजी बसें नहीं चलेंगी और ना ही अन्य जिलों की निजी बसों को मंडी से गुजरने दिया जाएगा.

यूनियन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वीरवार मांगों को लेकर निजी ट्रांस्पोर्ट यूनियन ने मुख्यमंत्री से ‌मिलने के लिए बिपाशा सदन गई थी, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया गया. इसके चलते बस मालिकों ने नाराजगी जताई और शुक्रवार से मंडी जिला में कोई भी बस नहीं चलाने का फैसला लिया गया.

इसके साथ यह भी फैसला ‌लिया गया कि अन्य जिलों की बसों को भी मंडी जिला से नहीं गुजरने दिया जाएगा. अब मंडी जिला में केवल सरकारी बसें ही चलेगी. हालांकि अभी तक सभी सरकारी बसें भी सड़कों पर नहीं दौड़ पा रही हैं, लेकिन ताजा हालात के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम को अधिक बसें चलानी पड़ेंगी.

बता दें क‌ि वीरवार को मंडी में सौ रूटों पर ‌ही निजी बसें दौड़ना शुरू हुई थी. निजी बस ऑपरेटर जिलाध्यक्ष गुलशन दीवान ने बताया कि बसों को न चलाने का फैसला लिया गया. वीरवार सुबह लॉग रूटों पर गई हैं. वहीं, शुक्रवार को वापस होंगी और उसके बाद सभी बसें खड़ी रहेगी. और अन्य जिलों की भी गाड़ियां मंडी से होकर नहीं जाने दी जाएगी.

यह है मांगें

निजी ट्रांसपोर्ट यूनियन सरकार से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली की तर्ज पर न्यूनतम किराया दस रुपये करना, 31 मार्च 2021 तक टोकन टैक्स माफ, दो लाख रुपये प्रति बस भत्ते की मांग कर रही है.

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