मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बल्ह विधानसभा क्षेत्र के दौरे के बाद बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने बल्ह की उपजाउ भूमि पर हवाई अड्डे के विरोध में अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है. जिस कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रस्तावित हवाई अड्डे के प्रोजेक्ट पर फिर एक बार खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.
गुरुवार को नेरचौक में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बल्ह के किसानों की बात न मानते हुए बल्ह की उपजाऊ भूमि को उजाड़ कर अपने सपने को पूरा करने में लगी है.
बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के सचिव नंद लाल वर्मा ने कहा कि किसान बीते साढ़े तीन वर्षों से सीएम जयराम ठाकुर से वार्ता का समय मांग रहे हैं, लेकिन सीएम ने उनकी मांगों पर गौर करना तो दूर अभी तक उन्हें वार्ता तक के लिए नहीं बुलाया है और न ही बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने इस मुद्दे पर उनके साथ कोई बात की.
उन्होंने कहा कि किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को और तेज करने का मन बना लिया है. जिसके चलते आने वाली 10 नवंबर को विधायक के निवास का घेराव किया जाएगा. इससे भी बात नहीं बनी तो फिर आने वाले समय में प्रदेश में जहां भी सीएम के कार्यक्रम होंगे वहां किसान काले बिल्ले लगाकर अपना विरोध जताएंगे.
वहीं, पत्रकार वार्ता के दौरान बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र सिंह वालिया ने कहा कि मंडी के बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण से प्रभावित किसानों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा और यहां से लगभग 25 सौ परिवारों के 12 हजार लोगों को अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ेगा.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर किसानों को उचित मुआवजा न देकर उनकी जमीनें सस्ते दामों पर अधिग्रहण करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने प्रदेश सरकार से मिनी पंजाब के नाम से मशहूर बल्ह घाटी में हवाई अड्डे को न बनाकर किसी अन्य स्थान पर गैर उपजाउ जमीन पर बनाने की मांग उठाई है.
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