सुंदरनगर/मंडीः जिला मंडी में केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की उल्लंघना किए जाने का मामले सामना आया है. यहां सुंदरनगर के बीबीएमबी अस्पताल में चार कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद एतिहातन तौर पर 47 कर्मचारियों के कोविड-19 सैंपल लिए गए. बीबएमबी अस्पताल को तीन दिनों के लिए बंद करने के बाद इमरजेंसी सेवाएं प्रदान की जा रही है.
मौके पर बीबीएमबी अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोरोना महामारी को लेकर जारी एडवाइजरी की उल्लंघना करते हुए अन्य स्टाफ मौजूद होने के बावजूद भी एक पांच महीने की गर्भवती नर्स मालती चंदेल को इमरजेंसी सेवा में तैनात कर दिया गया है.
हैरानी की बात यह है कि गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक होने के बावजूद मालती का अभी तक कोरोना सैंपल भी नहीं लिया गया है. मालती अपनी ड्यूटी तो बखूबी निभा रही हैं, लेकिन उन्हें कोरोना संक्रमण को लेकर अपने स्वास्थ्य के लिए खतरा बरकरार है.
बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर में तैनात मालती चंदेल ने कहा कि अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद इसे सील कर दिया गया. अस्पताल सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं के लिए खुला है और ऑनकॉल डाक्टर को बुलाया जाता है. उन्होंने कहा कि अभी तक उनका कोरोना सैंपल नहीं लिया गया है. पांच महीने की गर्भवती होने के बाद भी वे ड्यूटी दे रही हैं.
वहीं, इस मामले में प्रिसिंपल मेडिकल ऑफिसर बीबीएमबी डॉ. देशराज शर्मा ने कहा कि अस्पताल में कोरोना मामले आने पर ओपीडी को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया था. अस्पताल को सेनिटाइज किया गया है. उन्होंने कहा कि महिला स्टाफ नर्स इमरजेंसी ड्यूटी दे रही हैं और गर्भवती स्टाफ नर्स की कोविड को लेकर ड्यूटी नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि सोमवार से अस्पताल की सामान्य ओपीडी को खोल दिया जाएगा.
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