करसोग: प्रदेश भर में जिला परिषद कर्मचारियों के कलम छोड़ हड़ताल (zila parishad employees strike) पर जाने से पंचायतों में कामकाज ठप पड़ा है. जिसे देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है. जानकारी के मुताबिक सरकार ने हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों के कार्यों को करने के लिए (Powers of Panchayat Secretaries) संबंधित पंचायतों में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों, 10वीं या इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता रखने वाली सिलाई अध्यापिकाओं व पंचायत चौकीदारों को प्राधिकृत किया है.
वित्तीय शक्तियों को शामिल नहीं किया गया: हालांकि, इन आदेशों में वित्तीय शक्तियों को शामिल नही किया गया है. निदेशक पंचायती राज विभाग ऋग्वेद ठाकुर की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक प्रदेश भर में जब तक पंचायत सचिवों की हड़ताल समाप्त नहीं होगी. तब तक ग्राम रोजगार सेवक, सिलाई अध्यापिकाएं व पंचायत चौकीदार पंचायतों के कार्यों को चलाएंगे.
रिकॉड सौंपना होगा: हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों को अपना रिकॉर्ड ग्राम रोजगार सेवकों, सिलाई अधियापिकाओ व पंचायत चौकीदारों को सौंपना होगा. जिसके लिए संबंधित जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से समय सीमा निर्धारित की जाएगी. ऐसे में अधिकृत कर्मचारियों को तय समय में रिकॉर्ड न सौंपे जाने की स्थिति में संबंधित पंचायत सचिवों के खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
25 जून से चल रही हड़ताल: इस बारे में जिला परिषद के सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं. बता दें कि जिला परिषद के अधिकारी/कर्मचारी 25 जून से कलम छोड़ हड़ताल पर है. उनकी विभागों में विलय की मांग है. वहीं ,सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी गठित करने का फैसला लिया है. यह कमेटी बाहरी राज्यों में जाकर अध्यन करेगी.
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