मंडी: छोटी काशी मंडी में एक बार फिर राजनीति अपनी चरम सीमा पर तपती नजर आ रही है और पोस्टर वॉर की राजनीति इन दिनों जिले में चल रही है. ताजा घटनाक्रम के अनुसार जैसे ही शर्मा परिवार ने भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया, तो कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में संचार क्रांति के मसीहा पंडित सुखराम व व उनके पोते आश्रय शर्मा के पोस्टर रातों रात ही गायब हो गए. बता दें कि अनिल शर्मा के भाजपा से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब जहां भाजपा के टिकट के दावेदार भूमिगत हो गए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में मंडी विधानसभा क्षेत्र से टिकट की चाह रखने वाले दावेदार एकाएक सक्रिय हो गए हैं और एकाएक बैठकों का दौर जारी है.
गौरतलब है कि हिमाचल की राजनीति में पंडित सुखराम को चाणक्य के नाम से जाना जाता था और उनकी चाणक्य नीति के सामने सारे दल पानी भरते हुए नजर आते थे, लेकिन अब परिस्थिति बदल चुकी है और पंडित सुखराम की मृत्यु के बाद अब पूरा शर्मा परिवार एक साथ हो गया है और भाजपा के लिए ही इस चुनाव में कार्य करेगा. अनिल शर्मा द्वारा यह बयान देने के बाद कांग्रेस पार्टी कार्यालय मंडी में पोस्टर में बड़ा उलटफेर हुआ है और आश्रय शर्मा व पंडित सुखराम के पोस्टर को रातों रात हटा दिया गया है.
वहीं, पूरे मामले पर आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने प्रतिभा सिंह समेत आनंद शर्मा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि 'दुख हुआ ये देखकर कि जिस व्यक्ति ने कांग्रेस पार्टी में अपने जीवन का अधिकतर समय बिताया, मंडी को कांग्रेस का गढ़ बनाया था आज उनका पोस्टर फाड़ना क्या मानसिकता दर्शाता है. बहुत जल्दी मंडी की जनता इसका जवाब दे देगी. जब पार्टी ने उन्हें कठिन समय में अकेला छोड़ दिया तब भी स्वर्गीय पंडित सुखराम जी ने कभी गांधी परिवार के बारे में कोई गलत टिप्पणी नहीं की और एक तरफ वो लोग हैं जो सारी उम्र कांग्रेस के सिर पर सत्ता सुख भोगने के बाद भी राहुल और प्रियंका गांधी पर सवाल उठा रहे हैं तथा कुछ लोग जी23 में शामिल होकर गुलाम नबी आजाद के साथ मिलकर गांधी परिवार पर उंगली उठाते रहे'.
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