मंडीः पठानकोट हाईवे पर जोगिंद्रनगर के हराबाग में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में चंद रुपयों के लालच के लिए लोगों ने अस्थायी दुकानदारी सजा ली हैं. करीब 50 मीटर तक लगातार हो रहे भूस्खलन से हाईवे के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा चुका है. ऐसे में दुकानदारी सजाने वाले लोगों की जान पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.
यहां पर कुछ अस्थायी दुकानें स्थापित कर लोग आजीविका कमा रहे हैं. ऐसे में कभी भी हादसा व्यवसायियों और ग्राहकों की जान पर भारी पड़ सकता है. यही, नहीं भूस्खलन से प्रभावित सड़क के इर्द-गिर्द बेहतरतीब ढंग से वाहनों को भी पार्क किया जा रहा है, जो कि बड़ी लापरवाही का संकेत दे रहे है.
बीते कुछ दिन पहले पहाड़ दरकने से एक गाड़ी भी मलबे की जद में आ चुकी है. उसके बावजूद भी वाहनों की बेहतरतीब ढंग से पार्किंग स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के लिए दिक्कतें बढ़ा रही है. समय रहते गंभीरता नहीं दिखाई गई तो कोटरोपी जैसा भयावह मंजर हराबाग में भी देखने को मिल सकता है. इस बरसात में हराबाग अभी तक सबसे ज्याजा भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र रहा है.
बीते कुछ दिन पहले पहाड़ दरकने से सड़क पर आया मलबा और पत्थर वाहनों के लिए जोखिम बने हुए हैं. लोक निर्माण विभाग की तीन जेसीबी मशीनों की सहायता से कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को बहाल किया था, लेकिन पहाड़ी से अभी भी मलबा और पत्थर गिरने का क्रम जारी है.
वहीं, हैरत की बात है कि अभी तक यहां पर पहाड़ दरकने पर वाहन चालकों और राहगीरों को आगाह करने के लिए चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. बिजली के भी पुख्ता प्रबंध न होने के कारण रात के अंधेरे में हादसों का अंदेशा लगातार बढ़ रहा है.
एसडीएम जोगिंद्रनगर अमित मैहरा का कहना है कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधी जानलेवा साबित हो सकती हैं. मामला उनके ध्यान में लाया गया है. दुकानदारों से जल्द ही दुकानें स्थानांतरित करने का आह्वान किया जाएगा.
वहीं, तकनीकी अधिकारी राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण सतीश नाग का कहना है कि मंडी पठानकोट हाईवे पर जोगेंद्रनगर के हराबाग के नजदीक भारी भूस्खलन हो चुका है. राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण की ओर से एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं. चेतावनी बोर्ड भी यहां पर जल्द लगाया जाएगा. बहरहाल वाहन चालक और राहगीर एहतियात बरतते हुए अपनी आवाजाही सुनिश्चित करें.