करसोगः शहरी निकाय चुनाव से पहले करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने के लिए लोग अब सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. नगर पंचायत के विरोध में 22 अक्टूबर को पुराना बाजार के राम लीला मैदान से एक विशाल रैली भी निकालने का निर्णय लिया गया.
लोगों का कहना है कि विकासकार्यों के लिए जिस मकसद से ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत में लाया गया था. पिछले करीब पांच साल के कार्यकाल में नगर पंचायत उस उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाई है. करसोग की जनता ने विकास कार्यों को लेकर जो भरोसा जताया था, उस पर भी नगर पंचायत खरा नहीं उतर पाई है. लोगों का कहना है कि करसोग में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
पिछले पांच सालों में नगर पंचायत परिधि में न तो सड़कों की हालत सुधारी गई और न ही पानी की निकासी के लिए नालियों का उचित प्रबंध है. यही नहीं नगर पंचायत पांच साल के कार्यकाल में करसोग में एक भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तक नहीं करवा पाई है. इसी तरह से करसोग में हर साल वाहनों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग तक का प्रबंध नहीं है.
करसोग में टीसीपी एक्ट लागू होने के बाद लोगों के भवनों के नक्शे पास नहीं हो रहे हैं. ऐसे में अब भवन मालिकों को बिजली और पानी के कनेक्शन लेने में दिक्कतें आ रही हैं. इस सभी तरह की समस्याओं को देखते हुए करसोग को फिर से पंचायतों में शामिल करने की मांग कर रही है. ऐसे में लोगों ने संघर्ष समिति का गठन कर करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने के लिए कमर कस ली है.
इसके अलावा न्यारा वार्ड के पार्षद बंसीलाल का कहना है कि नगर पंचायत से किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं मिली बल्कि लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत परिधि में लोगों को बिजली, पानी, नालियों व सड़कों व पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है.