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सड़क निर्माण से टूटी पेयजल पाइप लाइन, मिनी सचिवालय में ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन

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Published : Oct 15, 2020, 7:55 PM IST

जोगेंद्रनगर की नेर घरवासड़ा पंचायत में सड़क निर्माण कार्य से समूह पेयजल योजना टूट जाने से आधे दर्जन से अधिक गांव के सैकड़ों परिवार पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. मनोह, कुफरू, बल्ही, भलोग, पट्टी, बाग व बुझडू गांव के लोगों ने महिला मंडलों के साथ गुरुवार को मिनी सचिवालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया.

drinking water pipeline from road construction
सड़क निर्माण से टूटी पेयजल पाईप लाईन

मंडी: जिला मंडी में जोगिंद्रनगर की नेर घरवासड़ा पंचायत में सड़क निर्माण कार्य से समूह पेयजल योजना टूट जाने से आधे दर्जन से अधिक गांव के सैकड़ों परिवार पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों को पानी भरने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. इस समस्या पर संबंधित विभाग की ढीली कार्रवाई को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो चुके हैं.

मनोह, कुफरू, बल्ही, भलोग, पट्टी, बाग व बुझडू गांव के लोगों ने महिला मंडलों के साथ गुरुवार को मिनी सचिवालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया. पंचायत के पूर्व प्रधान राकेश जम्वाल ने कहा कि बीते 15 दिनों से ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज है. लिहाजा इस लापरवाही के जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज की जाए.

ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन से लेकर जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त पाइप लाइन क बारे में कई बार बताया लेकिन विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने आज धरना प्रदर्शन किया.

दरअसल मझारनू, कुडनी, कुफरू के लिए चार करोड़ 74 लाख रुपये स्वीकृत कर 6 किलोमीटर सड़क के निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग की देख रेख में किया जा रहा है. सड़क की कटिंग के दौरान जल शक्ति विभाग की पेयजल पाइप लाइन टूटी है जिस कारण काफी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में पानी का संकट गहराया है. इस संदर्भ में अधिवकक्ता पीवी शेखावत की मौजूदगी में एसडीएम अमित मैहरा को ज्ञापन भी सौंपा गया.

मिनी सचिवालय परिसर में धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ग्रामीण रमेश जम्वाल ने कहा कि सड़क के निर्माण कार्य पर बरती गई अनियमितताओं के चलते 70 साल पुरानी कूहल को भी नुकसान पहुंचा है. चार सौ मीटर लंबी कूहल के कई हिस्से क्षतिग्रस्त होने से पांच गांव की पांच सौ बीघा भूमि पर खेतीबाड़ी करने वाले लगभग एक हजार किसान प्रभावित हो रहे हैं. इसके बावजूद विभागीय अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

ग्रामीणों को शांत करवाने के लिए एसडीएम अमित मेहरा को मौर्चा संभालना पड़ा. उन्होंने इस लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल जवाब करने का भरोसा दिलाया. इसके साथ ही अबिलंब समस्या के निदान के लिए आक्रोशित ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दो विभागों के अधिकारियों को समस्या के जल्द समाधान की हिदायत दी गई है. लिहाजा ग्रामीण अपने धरने प्रदर्शन को समाप्त करें.

लोक निर्माण विभाग जोगेंद्रनगर के अधिशाषी अभियंता बीएस ठाकुर ने बताया कि सड़क निर्माण के कार्य के दौरान जहां पर पेयजल पाइप लाइन और कूहल क्षतिग्रस्त हो गई थी. विभाग के कनिष्ठ अभियंता को पाइप लाइन ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया है.

मंडी: जिला मंडी में जोगिंद्रनगर की नेर घरवासड़ा पंचायत में सड़क निर्माण कार्य से समूह पेयजल योजना टूट जाने से आधे दर्जन से अधिक गांव के सैकड़ों परिवार पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों को पानी भरने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. इस समस्या पर संबंधित विभाग की ढीली कार्रवाई को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो चुके हैं.

मनोह, कुफरू, बल्ही, भलोग, पट्टी, बाग व बुझडू गांव के लोगों ने महिला मंडलों के साथ गुरुवार को मिनी सचिवालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया. पंचायत के पूर्व प्रधान राकेश जम्वाल ने कहा कि बीते 15 दिनों से ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज है. लिहाजा इस लापरवाही के जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज की जाए.

ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन से लेकर जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त पाइप लाइन क बारे में कई बार बताया लेकिन विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने आज धरना प्रदर्शन किया.

दरअसल मझारनू, कुडनी, कुफरू के लिए चार करोड़ 74 लाख रुपये स्वीकृत कर 6 किलोमीटर सड़क के निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग की देख रेख में किया जा रहा है. सड़क की कटिंग के दौरान जल शक्ति विभाग की पेयजल पाइप लाइन टूटी है जिस कारण काफी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में पानी का संकट गहराया है. इस संदर्भ में अधिवकक्ता पीवी शेखावत की मौजूदगी में एसडीएम अमित मैहरा को ज्ञापन भी सौंपा गया.

मिनी सचिवालय परिसर में धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ग्रामीण रमेश जम्वाल ने कहा कि सड़क के निर्माण कार्य पर बरती गई अनियमितताओं के चलते 70 साल पुरानी कूहल को भी नुकसान पहुंचा है. चार सौ मीटर लंबी कूहल के कई हिस्से क्षतिग्रस्त होने से पांच गांव की पांच सौ बीघा भूमि पर खेतीबाड़ी करने वाले लगभग एक हजार किसान प्रभावित हो रहे हैं. इसके बावजूद विभागीय अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

ग्रामीणों को शांत करवाने के लिए एसडीएम अमित मेहरा को मौर्चा संभालना पड़ा. उन्होंने इस लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल जवाब करने का भरोसा दिलाया. इसके साथ ही अबिलंब समस्या के निदान के लिए आक्रोशित ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दो विभागों के अधिकारियों को समस्या के जल्द समाधान की हिदायत दी गई है. लिहाजा ग्रामीण अपने धरने प्रदर्शन को समाप्त करें.

लोक निर्माण विभाग जोगेंद्रनगर के अधिशाषी अभियंता बीएस ठाकुर ने बताया कि सड़क निर्माण के कार्य के दौरान जहां पर पेयजल पाइप लाइन और कूहल क्षतिग्रस्त हो गई थी. विभाग के कनिष्ठ अभियंता को पाइप लाइन ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया है.

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