मंडी: शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए आपको नगर परिषद की अनुमति लेना बेहद जरूरी है. शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने और अन्य जरूरी कार्यों की अनुमति को लेकर नगर परिषद ने कुछ नियम बनाए हैं, उन्हीं नियमों के आधार पर ही नगर परिषद एरिया में घर बनाने की अनुमति दी जा रही है. पूरे प्रदेश में करीब 5000 फाइलें पेंडिंग पड़ी हैं.
कुछ लोग मकान बनाने के लिए ऑनलाइन परमिशन की सुविधा से कुछ लोग खुश हैं, वहीं, कुछ लोग इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. मंडी नगर परिषद ने साल 2017 में भवन निर्माण मंजूरी और नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन दिया है. जिससे ज्यादातर लोगों को सुविधा मिल रही है.
कॉमर्शियल रेट से ज्यादा पर बिजली पानी
मकान नियमित कर संघर्ष समिति के जिला कन्वीनर उत्तम चंद सैनी ने कहा कि शहर वालों की असुविधा को देखकर ग्रामीण इलाकों के लोग टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम का विरोध कर रहे हैं. मकान सही ढंग से बना दिया जाता है. लेकिन बाद में प्रशासन उसे अवैध घोषित कर देता है, और इन मकानों में रहने वालों को कॉमर्शियल रेट से ज्यादा पर बिजली पानी की सुविधा दी जाती है.
अवैध निर्माण की बढ़ रही संख्या
प्रदेश के साथ-साथ मंडी जिले में भी अतिक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शहर में ऐसे कई मकान है जो नियमों को ताक में रखकर बनाए गए हैं जिन्हें आज दिन तक नियमित नहीं किया गया है. पूरे प्रदेश में करीब पांच हजार लोगों ने नियमितीकरण के लेकर ऑनलाइन अप्लाई किया है, जिसकी भारी भरकम फीस भी लोगों ने अदा की है लेकिन अभी तक उन्हें अप्लीकेशन पेंडिंग पड़े हैं.
भवन निर्माण की दी जा रही इजाजत
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी बीआर नेगी ने बताया कि भवन निर्माण मंजूरी के लिए नक्शा पास कराने व अन्य जरूरी कार्यों के लिए नगर परिषद के द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. भवन निर्माण के लिए रजिस्टर आर्किटेक्ट से नक्शा मंजूर कराने के बाद नगर परिषद के खाते में आवेदन शुल्क जमा करवाए जाता है. कोरोना का काल के बाद नगर परिषद ने 16 नक्शों को पास किया है. 15 के करीब अप्लीकेशन अनियमितता की वजह से पेंडिंग में पड़े हैं. उन्हें भी जल्द पास कर दिया जाएगा.