मंडी: चेक बाउंस के दो मामलों में मंडी सेशन कोर्ट (Mandi Sessions Court) ने निचली अदालत के उस फैसले (check bounce case in Mandi) को बरकरार रखा. जिसमें आरोपी महिला व्यवसायी को कैद व हर्जाने की सजा सुनाई थी. आईडीबीआई बैंक मंडी ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से शालू पत्नी मनोज कुमार मालिक शालू रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री दुकान नंबर 194-12 रामनगर मंडी के खिलाफ चेक बाउंस के दो मामले कोर्ट में दायर किए थे.
इसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंडी ने 28 फरवरी 2020 को एक मामले में एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत तीन महीने की कैद व 3 लाख 10 हजार रुपये हर्जाने के तौर पर अदा करने की सजा सुनाई थी. हर्जाना न भरने पर अतिरिक्त तौर पर एक महीने की कैद का प्रावधान भी इसमें था. दूसरे मामले में 3 महीने की कैद व 4लाख 70 हजार रुपये हर्जाना भरने की सजा दी गई थी. हर्जाना अदा न करने पर इसमें एक महीने की अतिरिक्त कैद का प्रावधान किया गया था.
इस निर्णय को शालू ने सेशन जज की अदालत में चुनौती दी थी. बैंक ने भी अपना पक्ष एडवोकेट महेश चोपड़ा के माध्यम से रखा जिस पर सेशन जज मंडी राकेश कैंथला ने निचली कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा और आरोपी की अपील को खारिज कर दिया. यह अपील सीआरपीसी की धारा 374 तीन के तहत की गई थी जिसे सेशन जज की अदालत ने खारिज करते हुए सजा को ज्यूं का त्यूं रखा है.
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