ETV Bharat / city

वरिष्ठ न्यायमूर्ति धर्म चंद चौधरी ने एसिड पीड़िताओं को सौंपी 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि - mandi news

उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति धर्म चंद चौधरी ने दो एसिड अटैक पीड़िताओं को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि सौंपी. इस मौके पर न्यायमूर्ती ने एसिड अटैक पीड़िताओं का मार्गदर्शन करते हुए उनके जीवन में सामने आई इस चुनौती से साहस के साथ लड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया.

compensation to acid attack victims
एसिड पीड़िता मुआवजा राशि
author img

By

Published : Feb 8, 2020, 9:06 PM IST

मंडी: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायामूर्ति धर्म चंद चौधरी ने क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड के फैसले के तहत मंडी की दो एसिड अटैक पीड़िताओं को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि सौंपी.

इस मौके पर न्यायमूर्ती ने एसिड अटैक पीड़िताओं का मार्गदर्शन करते हुए उनके जीवन में सामने आई इस चुनौती से साहस के साथ लड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया. बग्गी स्थित आईपीएच रेस्ट हाउस में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह राशि एफडीआर के रूप में पीड़िताओं को सौंपी गई.

देश भर में एसिड अटैक पीड़िताओं को इतनी अधिक राशि देने का यह पहला फैसला है. जानकारी के अनुसार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ती धर्म चंद चौधरी ने शुक्रवार को मंडी शहर में साल 2005 में घटित एसिड अटैक की दो पीड़िताओं को मुआवजा राशि सौंपी है.

दोनों पीड़िताओं को 9.75 लाख और 9 लाख रुपये की एफडीआर सौंपी गई है. पीड़िताओं को 3.25 लाख रुपये और 3 लाख रुपये पहले ही बतौर मुआवजा प्रदान किए जा चुके हैं. इस तरह दोनों पीड़िताओं को कुल 25 लाख रुपये की राशि बतौर मुआवजा दी गई है.

उल्लेखनीय है कि क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाते 30 दिसंबर 2019 को इन पीड़िताओं को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश पारित किया था. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड के समक्ष दायर की गई याचिकाओं पर बोर्ड के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के शर्मा और सदस्यों उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर, जिला पुलिस अधीक्षक गुरुदेव शर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवानंद चौहान ने यह निर्णय दिया था.

इस निर्णय में पीड़िताओं को पीड़िता मुआवजा स्कीम के तहत 13 लाख और 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला दिया था. इस एसिड अटैक में भाग्यवश पीड़िताओं की जानें बच गई थी, लेकिन वह जीवन भर के लिए विरूपित, अंगहीन और आघात में हैं.

गौरतलब है कि जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव असलम बेग ने पीड़िताओं के परिजनों को संपर्क करके उनकी अर्जी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से क्रिमिनल इंजरी कंपसेशन बोर्ड के समक्ष दायर करवाई थी जिस पर बोर्ड ने यह मुआवजा राशि देने का फैसला सुनाया था.

ये भी पढ़ें: चीन से लौटे भारतीयों को घर में रहने की सलाह, धर्मशाला में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

मंडी: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायामूर्ति धर्म चंद चौधरी ने क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड के फैसले के तहत मंडी की दो एसिड अटैक पीड़िताओं को 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि सौंपी.

इस मौके पर न्यायमूर्ती ने एसिड अटैक पीड़िताओं का मार्गदर्शन करते हुए उनके जीवन में सामने आई इस चुनौती से साहस के साथ लड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया. बग्गी स्थित आईपीएच रेस्ट हाउस में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह राशि एफडीआर के रूप में पीड़िताओं को सौंपी गई.

देश भर में एसिड अटैक पीड़िताओं को इतनी अधिक राशि देने का यह पहला फैसला है. जानकारी के अनुसार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ती धर्म चंद चौधरी ने शुक्रवार को मंडी शहर में साल 2005 में घटित एसिड अटैक की दो पीड़िताओं को मुआवजा राशि सौंपी है.

दोनों पीड़िताओं को 9.75 लाख और 9 लाख रुपये की एफडीआर सौंपी गई है. पीड़िताओं को 3.25 लाख रुपये और 3 लाख रुपये पहले ही बतौर मुआवजा प्रदान किए जा चुके हैं. इस तरह दोनों पीड़िताओं को कुल 25 लाख रुपये की राशि बतौर मुआवजा दी गई है.

उल्लेखनीय है कि क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाते 30 दिसंबर 2019 को इन पीड़िताओं को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश पारित किया था. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड के समक्ष दायर की गई याचिकाओं पर बोर्ड के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के शर्मा और सदस्यों उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर, जिला पुलिस अधीक्षक गुरुदेव शर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवानंद चौहान ने यह निर्णय दिया था.

इस निर्णय में पीड़िताओं को पीड़िता मुआवजा स्कीम के तहत 13 लाख और 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला दिया था. इस एसिड अटैक में भाग्यवश पीड़िताओं की जानें बच गई थी, लेकिन वह जीवन भर के लिए विरूपित, अंगहीन और आघात में हैं.

गौरतलब है कि जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव असलम बेग ने पीड़िताओं के परिजनों को संपर्क करके उनकी अर्जी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से क्रिमिनल इंजरी कंपसेशन बोर्ड के समक्ष दायर करवाई थी जिस पर बोर्ड ने यह मुआवजा राशि देने का फैसला सुनाया था.

ये भी पढ़ें: चीन से लौटे भारतीयों को घर में रहने की सलाह, धर्मशाला में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

Intro:मंडी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश उच्च न्यायलय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति धर्म चंद चौधरी ने क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड के फैसले के तहत मंडी की दो एसिड अटैक पीड़िताओं को 25 लाख रूपये की मुआवजा राशि सौंपी। इस मौके पर न्यायमूर्ती ने एसिड अटैक पीड़िताओं का मार्गदर्शन करते हुए उनके जीवन में सामने आई इस चुनौती से साहस के साथ लड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया। Body:शुक्रवार को बग्गी स्थित आईपीएच रेस्ट हाउस में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में यह राशि एफडीआर के रूप में पीड़िताओं को सौंपी गई। देश भर में एसिड अटैक पीड़िताओं को इतनी अधिक राशि देने का यह पहला फैसला है। जानकारी के अनुसार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ती धर्म चंद चौधरी ने शुक्रवार को मंडी शहर में साल 2005 में घटित एसिड अटैक की दो पीडिताओं को मुआवजा राशि सौंपी है। दोनों पीडिताओं को 9.75 लाख और 9 लाख रूपये की एफडीआर सौंपी गई है। पीड़िताओं को 3.25 लाख रूपये और 3 लाख रूपये पहले ही बतौर मुआवजा प्रदान किए जा चुके हैं। इस तरह दोनों पीड़िताओं को कुल 25 लाख रूपये की राशि बतौर मुआवजा दी गई है। उल्लेखनीय है कि क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाते 30 दिसंबर 2019 को इन पीड़िताओं को 25 लाख रूपये का मुआवजा देने का आदेश पारित किया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से क्रिमिनल इंजरी कंपनसेशन बोर्ड के समक्ष दायर की गई याचिकाओं पर बोर्ड के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायधीश आर के शर्मा और सदस्यों उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर, जिला पुलिस अधीक्षक गुरूदेव शर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवानंद चौहान ने यह निर्णय दिया था। इस निर्णय में पीड़िताओं को पीड़िता मुआवजा स्कीम के तहत 13 लाख और 12 लाख रूपये का मुआवजा देने का फैसला दिया था। इस एसिड अटैक में भाग्यवश पीड़िताओं की जानें बच गई थी, लेकिन वह जीवन भर के लिए विरूपित, अंगहीन और आघात में हैं। गौरतलब है कि जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव असलम बेग ने पीडिताओं के परिजनों को संपर्क करके उनकी अर्जी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से क्रिमिनल इंजरी कंपसेशन बोर्ड के समक्ष दायर करवाई थी। जिस पर बोर्ड ने यह मुआवजा राशि देने का फैसला सुनाया था। Conclusion:बग्गी में आयोजित इस सादे कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश सुंदरनगर हंस राज, राज्य विधिक प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारी गौरव महाजन, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी गोहर वत्सला चौधरी और जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव असलम बेग मौजूद थे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.