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सुंदरनगर में मानसिक रोगी दाने-दाने को मोहताज, मदद को आए लोग - सुंदरनगर में पत्रकार ने की मदद

कर्फ्यू के दौरान सुंदरनगर में मानसिक रोगी अपने लिए खाना जुटाने में असमर्थ था. ऐसे में पत्रकारों ने कर्फ्यू में ढील मिलने पर खाना मुहैया करवाया. समाजिक कार्यकर्ता ने आम लोगों से सरकार के निर्देशों का पालन करने के साथ ही जरुरतमंद और असहाय की मदद करने की अपील की है और प्रशासन से भी असहाय लोगों के लिए उचित व्यव्सथा करने की मांग की है.

journalists provide food sundarnagar
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Published : Mar 26, 2020, 11:10 PM IST

सुंदरनगर: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. हिमाचल में भी कर्फ्यू लागू किया गया है. ऐस में लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार के प्रयास जारी है, लेकिन असहाय और जरुरतमंदों के लिए खानपान की व्यस्था कर पाना चुनौति बन गया है.

ऐसा ही एक मामला उपमंडल सुंदरनगर में एनएच-21 चंडीगढ़-मनाली पर स्थित नरेश चौक में सामने आया है. यहां मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति दाने-दाने को मोहताज हो गया है. वह खाने के लिए अन्यों पर निर्भर है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जारी कर्फ्यू के कारण ढाबे बंद हैं.

वीडियो.

हालात ये हैं कि इस चौक के आसपास कोई घर भी मौजूद नहीं है, लेकिन कर्फ्यू में ढील दिए जाने के दौरान सुंदरनगर के समाजिक कार्यकर्ता महेश शर्मा, उमेश भारद्वाज और नितेश सैनी द्वारा अपना सामाजिक दायित्व समझते हुए इस मानसिक रोगी को खाना मुहैया करवाया गया.

वहीं, समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा इस व्यक्ति के लिए रात का इंतजाम भी कर दिया गया. समाजिक कार्यकर्ता महेश शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के असहाय लोग बीमारी से मरे न मरे लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे. कोरोना वायरस एक महामारी है, जिसके लिए लॉकडाउन जरुरी कदम है, लेकिन भारत में बहुत से लोग अन्य लोगों की मदद पर निर्भर हैं. इनकी मदद के लिए सरकार के साथ ही अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए, ताकि कोरोना वायरस को हराया जा सके और जिंदगी जीत सकें.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में सावधानी बरतें, दूसरे इंसानों से उचित दूरी बनाए रखें, हाथ पैर साफ करें, अपने आसपास सफाई रखें, सरकार के दिशानिर्देशों की पालना करें और मजबूर भिखारियों व जरुरतमंदों की अपनी सहायता करें.

उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके आसपास भी इस प्रकार के लोग मौजूद हैं तो लोग उन्हें भी इस परिस्थिति में खाना व दवाई इत्यादि उपलब्ध करवाएं. महेश शर्मा ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार के मानसिक रोगियों को जल्द से जल्द किसी अस्पताल में पहुंचाया जाए.

ये भी पढ़ें- कर्फ्यू के दौरान रोजी-रोटी को मोहताज प्रवासी मजदूर! जान देने की कोशिश
ये भी पढ़ें- जरूरतमंद परिवारों की मदद को आगे आई महिला पुलिसकर्मी, बांटा राशन-सब्जी

सुंदरनगर: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. हिमाचल में भी कर्फ्यू लागू किया गया है. ऐस में लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार के प्रयास जारी है, लेकिन असहाय और जरुरतमंदों के लिए खानपान की व्यस्था कर पाना चुनौति बन गया है.

ऐसा ही एक मामला उपमंडल सुंदरनगर में एनएच-21 चंडीगढ़-मनाली पर स्थित नरेश चौक में सामने आया है. यहां मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति दाने-दाने को मोहताज हो गया है. वह खाने के लिए अन्यों पर निर्भर है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जारी कर्फ्यू के कारण ढाबे बंद हैं.

वीडियो.

हालात ये हैं कि इस चौक के आसपास कोई घर भी मौजूद नहीं है, लेकिन कर्फ्यू में ढील दिए जाने के दौरान सुंदरनगर के समाजिक कार्यकर्ता महेश शर्मा, उमेश भारद्वाज और नितेश सैनी द्वारा अपना सामाजिक दायित्व समझते हुए इस मानसिक रोगी को खाना मुहैया करवाया गया.

वहीं, समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा इस व्यक्ति के लिए रात का इंतजाम भी कर दिया गया. समाजिक कार्यकर्ता महेश शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के असहाय लोग बीमारी से मरे न मरे लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे. कोरोना वायरस एक महामारी है, जिसके लिए लॉकडाउन जरुरी कदम है, लेकिन भारत में बहुत से लोग अन्य लोगों की मदद पर निर्भर हैं. इनकी मदद के लिए सरकार के साथ ही अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए, ताकि कोरोना वायरस को हराया जा सके और जिंदगी जीत सकें.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में सावधानी बरतें, दूसरे इंसानों से उचित दूरी बनाए रखें, हाथ पैर साफ करें, अपने आसपास सफाई रखें, सरकार के दिशानिर्देशों की पालना करें और मजबूर भिखारियों व जरुरतमंदों की अपनी सहायता करें.

उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके आसपास भी इस प्रकार के लोग मौजूद हैं तो लोग उन्हें भी इस परिस्थिति में खाना व दवाई इत्यादि उपलब्ध करवाएं. महेश शर्मा ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार के मानसिक रोगियों को जल्द से जल्द किसी अस्पताल में पहुंचाया जाए.

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