धर्मपुर/मंडीः प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए परिवहन सेवाएं शुरू का फैसला लिया है, लेकिन सरकार के इस फैसले को लेकर अभी लोग तैयार नहीं हुए हैं. बसें रूटों पर खाली ही दौड़ रही हैं जिसके कारण हिमाचल पथ परिवहन निगम को लाखों रूपये की चपत लग रही है.
वहीं, अब परिवहन निगम ने फैसला लिया है कि बस स्टैंड से साठ प्रतिशत सवारियां होने पर ही बसें रूट पर भेजी जाएंगी, ताकि आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े. शुक्रवार को धर्मपुर बस स्टैंड से उन्हीं रूटों पर गाड़ियां चलीं, जहां सवारियां पूरी थी, बाकि रूटों पर गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन से पहले लोकल रूटों से निगम को साढ़े तीन लाख की इनकम रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब गाड़ियां चली तो निगम को एक लाख 10 हजार 956 रूपये की इनकम हुई और 82 रूटों पर 9624 किलोमीटर गाड़ियों ने सफर किया. ऐसे में परिवहन निगम को लाखों रूपये का नुक्सान हुआ है.
हिमाचल पथ परिवहन निगम धर्मपुर व सरकाघाट डिपो के क्षेत्रिय प्रबंधक नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि बसों में बहुत ही कम लोग सफर कर रहे हैं, जिसके कारण निगम को बहुत घाटा उठाना पड़ रहा है और अब निगम ने यह तय किया है कि उन्हीं रूटों पर परिवहन निगम की गाड़ियां चलेंगी जिन पर सवारियां पूरी होंगी.
उन्होंने बताया कि धर्मपुर में सकलाना व संधोल में करोना पॉजिटिव मामले आने के बाद वहां कटेंनमेंट जोन व बफर जोन बनाए गए हैं. ऐसे में इन रूटों पर बसों की आवाजाही बंद कर दी गई है.
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