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राजनीतिक दखल के चलते श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभों से हजारों मजदूर वंचितः संतराम

हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन द्वारा सोमवार को मंडी में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया (MNREGA and Rural Workers Organization Mandi) है. इस दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गई संवैधानिक संस्था श्रमिक कल्याण बोर्ड का राजनीतिक दुरुपयोग करने के आरोप (Rural Workers Organization press conference) लगाए.

MNREGA and Rural Workers Organization Mandi
हिमाचल मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन
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Published : Feb 28, 2022, 2:58 PM IST

मंडी: प्रदेश की भाजपा सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गए संवैधानिक संस्था श्रमिक कल्याण बोर्ड का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है और हजारों मजदूरों को बोर्ड से मिलने वाले लाभों से वंचित रखा जा रहा हैं. जिसका खामियाजा प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा. यह बात सोमवार को हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन (HP MGNREGA and Rural Workers Organization) के प्रदेश अध्यक्ष संतराम ने मंडी में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही.

प्रदेश अध्यक्ष संत राम ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के मंडी कार्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के राजनीतिक दखल के चलते हजारों मजदूरों के मामले पिछले डेढ़ साल से लंबित पड़े हुए हैं. वहीं यहां पर काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांसफर की जा रहे (Santram press conference in Mandi) हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दखल के चलते मजदूरों के छात्रवृत्ति व प्रसूता मदद के लिए किए गए आवेदनों को निलंबित करके लगभग 6 करोड़ कि आवेदकों को रोका गया है.

हिमाचल मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन

प्रदेश अध्यक्ष संतराम ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों नेताओं की दखल अंदाजी के चलते श्रमिक बोर्ड की कार्यप्रणाली को प्रभावित हो रही है जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले चुनावों में भुगतना (MNREGA and Rural Workers Organization Mandi) होगा. संतराम ने कहा कि संगठन के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों से हजारों की संख्या में बोर्ड के माध्यम से मिलने वाली श्रमिक कल्याण योजनाओं के तहत करोड़ों की मदद श्रमिकों को दिलवाई गई (Rural Workers Organization press conference) है, लेकिन अब चुनावी वर्ष में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के प्रचार प्रसार के लिए निजी संस्थाओं को ठेका दे दिया जिसके करोड़ों रुपए की सरकारी खजाने को चपत लगेगी.

उन्होंने कहा कि श्रमिक कल्याण बोर्ड के द्वारा 2 करोड़ के लगभग राशि मजदूरों को दी जानी थी उसे निकालकर मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल कर दिया गया. जिसकी हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन कड़े शब्दों में निंदा करता (HP MGNREGA and Rural Workers Organization) है. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा व कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाएगा. इस मौके पर उनके साथ हिमाचल मनरेगा एवं कामगार संगठन के जिला अध्यक्ष प्रशांत मोहन द्रंग इकाई के अध्यक्ष शोभे राम भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: शिमला के माल रोड पर स्थित है 500 साल पुराना शिव मंदिर, शिवरात्रि पर शिव-विवाह का होगा आयोजन

मंडी: प्रदेश की भाजपा सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गए संवैधानिक संस्था श्रमिक कल्याण बोर्ड का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है और हजारों मजदूरों को बोर्ड से मिलने वाले लाभों से वंचित रखा जा रहा हैं. जिसका खामियाजा प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा. यह बात सोमवार को हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन (HP MGNREGA and Rural Workers Organization) के प्रदेश अध्यक्ष संतराम ने मंडी में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही.

प्रदेश अध्यक्ष संत राम ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के मंडी कार्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के राजनीतिक दखल के चलते हजारों मजदूरों के मामले पिछले डेढ़ साल से लंबित पड़े हुए हैं. वहीं यहां पर काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांसफर की जा रहे (Santram press conference in Mandi) हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दखल के चलते मजदूरों के छात्रवृत्ति व प्रसूता मदद के लिए किए गए आवेदनों को निलंबित करके लगभग 6 करोड़ कि आवेदकों को रोका गया है.

हिमाचल मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन

प्रदेश अध्यक्ष संतराम ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों नेताओं की दखल अंदाजी के चलते श्रमिक बोर्ड की कार्यप्रणाली को प्रभावित हो रही है जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले चुनावों में भुगतना (MNREGA and Rural Workers Organization Mandi) होगा. संतराम ने कहा कि संगठन के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों से हजारों की संख्या में बोर्ड के माध्यम से मिलने वाली श्रमिक कल्याण योजनाओं के तहत करोड़ों की मदद श्रमिकों को दिलवाई गई (Rural Workers Organization press conference) है, लेकिन अब चुनावी वर्ष में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के प्रचार प्रसार के लिए निजी संस्थाओं को ठेका दे दिया जिसके करोड़ों रुपए की सरकारी खजाने को चपत लगेगी.

उन्होंने कहा कि श्रमिक कल्याण बोर्ड के द्वारा 2 करोड़ के लगभग राशि मजदूरों को दी जानी थी उसे निकालकर मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल कर दिया गया. जिसकी हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन कड़े शब्दों में निंदा करता (HP MGNREGA and Rural Workers Organization) है. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं ग्रामीण कामगार संगठन सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा व कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाएगा. इस मौके पर उनके साथ हिमाचल मनरेगा एवं कामगार संगठन के जिला अध्यक्ष प्रशांत मोहन द्रंग इकाई के अध्यक्ष शोभे राम भी मौजूद रहे.

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