मंडी: केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी अब 70 साल से अधिक आयु वालों को टिकट न देने का मन बना चुकी है. पार्टी के आधिकारिक सूत्र इस पर अपनी मोहर भी लगा रहे हैं, लेकिन पार्टी के नेता खुले तौर पर अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. पार्टी को लगता है कि समय से पहले इस पर कुछ कहने से उन्हें नुकसान हो सकता है. ऐसे में पार्टी की रणनीति है कि चुनावों के समय सीधे तौर पर ऐसे नेताओं के टिकट काटकर किसी युवा को मौका दिया जाए.
वहीं, पार्टी के पास अगर संबंधित विधानसभा सीट (Himachal Assembly Election 2022) पर कोई और विकल्प नहीं बचा तो फिर 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को टिकट दिया जा सकता है, लेकिन ऐसे लोग सिर्फ विधायक बनकर ही रह जाएंगे. उन्हें मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिल पाएगा. हाल ही में यूपी, गोवा, मणीपुर और उत्ताखंड में पार्टी ने इसी फार्मूले पर काम किया था, जिसमें पार्टी सफल भी रही. इसके पीछे पार्टी का तर्क है कि युवाओं को आगे आने का मौका नहीं मिल रहा, जबकि पहले से जमे हुए नेता ही बार-बार चुनाव लड़ रहे हैं. यही कारण है कि पार्टी ने अब 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को टिकट न देने का मन बना लिया है.
फार्मूला लागू हुआ तो इनका कट सकता है पत्ताः अगर ये फार्मूला हिमाल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में लागू होता है तो इसमें सबसे पहला नाम पूर्व सीएम प्रो. प्रेम कुमार धूमल का होगा. जिनकी आयु 78 वर्ष की हो चुकी है. वहीं, कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर 73 वर्ष के हो चुके हैं. कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज भी 70 वर्ष की आयु को पूरा कर चुके हैं. कैबिनेट रैंक का दर्जा लेने वाले विधायक रमेश ध्वाला 71 के, विधायक कर्नल इंद्र सिंह 78 के और पवन नैयर 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं. पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर 74 के जबकि पूर्व सांसद व विधायक महेश्वर सिंह 71 के हो चुके हैं.
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