मंडी: कोरोना संकट हर किसी के लिए मुसीबत से कम नहीं है. संकट की इस घड़ी से उबरने के लिए सरकार हो या आम जनता हर कोई अपनी भूमिका निभा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किस्त जारी कर किसानों का 'सम्मान' किया है, लेकिन मौसम की बेरूखी ने अन्नदाता को बैकफुट पर ला खड़ा किया है.
ऐसे में पीएम की पहल भी किसानों को राहत देती नजर नहीं आ रही है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खाते में एक किस्त जमा की गई है. यह किस्त इसलिए जारी की गई है कि कोरोना महामारी के इस दौर में किसानों को आर्थिक मदद मिल सके ताकि खेती की जरूरतों को किसान पूरा कर सकें.
किसान पीएम की इस पहल का आभार जता रहे हैं, लेकिन मौसम से हुए नुकसान के कारण किसानों के चेहरों पर चिंताओं की रेखाएं साफ देखी जा रही हैं. साल भर अन्न उगाकर पेट पालने वाले किसानों की मेहनत पर मौसम ने पानी फेर दिया है.
ओलावृष्टि, बारिश व तूफान ने नकदी फसलें तबाह कर दी है. मुख्य तौर पर मटर फसल को भारी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग ने मंडी जिला में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से करीब 4.50 करोड़ का नुकसान का आंकलन किया है, जबकि बागवानी क्षेत्र में भी ओलावृष्टि कहर बनकर बरसी है.
बागवानों और किसानों का कहना है कि पीएम सम्मान निधि के तहत दो रुपये मिलने से कुछ राहत तो मिली है, लेकिन मौसम की बेरूखी ने मेहनत पर पानी फेर दिया है. ऐसे में खराब मौसम की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी पीएम मोदी को कुछ करना चाहिए, ताकि संकट की इस घड़ी में कुछ राहत मिले सके.
वहीं, कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक जीत राम का कहना है कि हाल ही में हुई ओलावृष्टि से करीब 4.50 करोड़ का नुकसान हुआ है जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है. मुख्य तौर पर मटर फसल को ओलावृष्टि से नुकसान होना पाया गया है. बड़े कारोबारी हो या छोटा किसान हर कोई कोरोना संकट में बैकफुट पर है.
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