करसोग: जिला मंडी के करसोग विकासखंड में फर्जी तरीके से बने गरीबों पर नियमों का खूब डंडा चला है. एसडीएम कोर्ट के आदेशों और ग्राम सभा की दिखाई गई सख्ती के बाद सैकड़ों प्रभावशाली लोगों को बीपीएल की सूची से बाहर निकाला गया है.
फील्ड से बीडीओ को प्राप्त हुई रिपोर्ट के मुताबिक 1 जुलाई 2019 से 31 जनवरी 2020 तक विकासखंड की कई पंचायतों में 156 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है. इसमें 130 नए परिवारों को हटाए गए नामों की जगह शामिल भी किया जा चुका है.
वहीं, 30 बचे अन्य पात्र परिवारों को भी बीपीएल सूची में शामिल किए जाने के लिए जल्द प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इसके अतिरिक्त अगले महीने अप्रैल में आयोजित होनी वाली ग्राम सभा में फिर से बीपीएल सूची की समीक्षा होगी.
एसडीएम के आदेशों पर भी हटाए गए कई परिवार:
करसोग में एसडीएम को भी फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में शामिल हुए लोगों के खिलाफ भी बहुत सी शिकायतें प्राप्त हुई थी. एसडीएम के आदेशों पर ऐसे परिवारों की जांच की गई और शिकायत सही पाए जाने पर भी 40 से अधिक परिवार बीपीएल सूची से हटाए गए.
जांच के दौरान ऐसे लोगों के पास चार पहिया वाहन सहित पक्के मकान और आर्थिक तौर पर रहन सहन अच्छा पाया गया. इन परिवारों की सालाना आय निर्धारित मापदंडों से अधिक पाई गई.
इन परिवारों को देनी होगी प्राथमिकता:
सरकार ने सबसे पहले विधवा एकल नारी, तलाकशुदा महिला, केंसर रोग से ग्रस्त व्यक्ति, जिसका इलाज चल रहा हो या फिर 70 फीसदी से अधिक दिव्यांग को प्राथमिकता दी है. पंचायत में ऐसे लोगों को सबसे पहले बीपीएल सूची में शामिल करना पड़ेगा. अगर किसी पंचायत में इन चार कैटेगरी के लोग है और उनका नाम बीपीएल सूची में शामिल नहीं है, ये लोग उच्चाधिकारी को शिकायत कर सकते हैं.
वहीं, बीडीओ राजेंद्र सिंह टेजटा का कहना है कि पिछले छह महीनों में 31 जनवरी तक 156 लोगों को बीपीएल सूची से हटाया गया है. इनकी जगह 130 पात्र लोगों के नाम बीपीएल सूची में जोड़े गए हैं.
ये भी पढ़ें: सिंधिया के इस्तीफे पर बोले विक्रमादित्य, पार्टी को आत्मचिंतन करने की जरूरत