सरकाघाट/मंडी: सरकाघाट के एकल विद्यालयों में एक साल तक सेवाएं देने के बाद करीब एक दर्जन आचार्यों को बिना वेतन दिए ही बाहर का रास्ता दिखाया गया है. यह आरोप इन विद्यालयों में सेवाएं देने वाले आचार्यों ने लगाए हैं.
उन्होंने कहा कि इतने समय तक न तो उनको वेतन मिला है और ऊपर से रोजाना स्कूल आने जाने में खर्च करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों को चलाने वाली एनजीओ उनसे कई जानकारियां लेती थी, इन जानकारियों को देने के लिए भी उनको अपनी जेब से ही खर्च करना पड़ा है.
इन स्कूलों से आचार्यों को हटाया
टिक्कर, थौना, कलोहधार, ठनकर, मंडप, चनौता एकल विद्यालयों से आचार्यों को हटाया गया है. प्रभावित आचार्यों शिवानी, सत्या देवी, गीता देवी, अंजना देवी, ममता देवी, रेखा देवी, नर्वदा आदि ने एनजीओ को चेताया है कि या तो उन्हें दोबारा बहाल किया जाए या वेतन दिया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर कोर्ट का दरवाजा खटकाया जाएगा. बता दें कि एकल विद्यालय को संचालित करने वाली एनजीओ भारत लोक शिक्षा परिषद है. इनके पूरे देश में और प्रदेश में एकल विद्यालय है.
स्कूलों में की गई ग्रेडिंग
जानकारी देते हुए सरकाघाट संचल प्रमुख राजीव चौहान ने बताया कि हमारे स्कूलों में ग्रेडिंग की जा रही है. केवल सक्रिय आचार्यों की सेवाएं बहाल रखी गई हैं. इसके अलावा निष्क्रिय आचार्यों को ही बाहर किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर ये आचार्य अपनी सेवाओं में इंप्रूव करें तो इनको दोबारा बहाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते इनका वेतन नहीं दे पाए थे, यह भी इनको दे दिया जाएगा.
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