मंडी: हिमाचल प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में सीटू भाजपा के खिलाफ कार्य करेगी और भाजपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए मजदूरों और गरीबों को जागरुक करेगी. यह निर्णय सीटू हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक में मंडी में लिया गया. रविवार को सीटू कार्यालय मंडी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने की.
बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें लगातार मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर रही है, जिसके विरोध में आगामी लोकसभा व विधानसभा उपचुनावों में सीटू मजदूरों व आम जनता से भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करने की अपील करेगी.
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया है और उसके स्थान पर चार श्रम सहिंता लागू करने का निर्णय लिया है. जिसमें बहुत से मजदूर विरोधी प्रावधान रखे गए हैं. स्थाई रोजगार के स्थान पर ठेके पर रोजगार देने की नीति लागू की जा रही है. जिससे मजदूरों का शोषण हो रहा है. ऐसे में बीजेपी की सरकारों के मजदूर और गरीब विरोधी फैसलों के विरोध में सीटू ने भाजपा को हराने का मन बना लिया है.
इसके साथ ही बैठक में फैसला लिया गया कि 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के विरोध में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे. 26 नवंबर को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के एक साल के मौके पर किसानों के समर्थन में खण्ड स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे. राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की लचर कर्यप्रणाली के खिलाफ 1 दिसंबर को निर्माण व मनरेगा मजदूर बोर्ड के राज्य कार्यालय शिमला में विरोध रैली आयोजित करने का भी फैसला बैठक में लिया गया.
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