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चेक बाउंस मामला: कोर्ट ने 3 माह कारावास और 1 लाख 20 हजार का लगाया हर्जाना - चेक बाउंस मामला मंडी

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 सुंदरनगर हकीकत धांडा की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर आरोपी को 3 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को एक लााख 20 हजार रुपये हर्जाना देने का फैसला सुनाया है.

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Published : Oct 4, 2019, 3:07 PM IST

सुंदरनगर: अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 सुंदरनगर हकीकत धांडा की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर दोषी को 3 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को एक लाख 20 हजार रुपये हर्जाना देने का फैसला सुनाया है.

सुंदरनगर न्यायालय में विचाराधीन एक चेक बांउस मामले में कारावास के साथ-साथ हर्जाना भी देने का फैसला सुनाया गया है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 सुंदरनगर हकीकत धांडा की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर दोषी को 3 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को एक लाख 20 हजार रुपये हर्जाना देने का फैसला सुनाया.

शिकायतकर्ता के अधिवक्ता आशीष शर्मा द्वारा दोषी रौकी के खिलाफ चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट1881 की धारा 138 में मुकदमा दर्ज करवाया था. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता आशीष शर्मा ने कहा कि दोषी रौकी ने उपरोक्त क्रेडिट सोसाइटी से 90 हजार रुपये लोन के लिए थे. उन्होंने कहा कि दोषी ने उपरोक्त लोन के भुगतान के लिए अपने केनरा बैंक सुंदरनगर के खाते का एक चेक दिया था. चैक देते समय शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि चैक बैंक में पेश करने पर कैश हो जाएगा.

अधिवक्ता आशीष ने कहा कि दोषी रौकी ने लोन राशि को चुकता करने की ऐवज में शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि दोषी के खाते में पैसे न होने की वजह से चेक बाउंस हो गया था और दोषी लोन राशि वापस लौटने में असफल रहा.

अधिवक्ता आशीष ने कहा कि मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 3 माह का कारावास व एक लाख 20 हजार रुपये हर्जाना के रुप में देने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अगर आरोपी हर्जाना नहीं देता है, तो अतिरिक्त 15 दिन का कारावास भुगतने की सजा सुनाई है.

सुंदरनगर: अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 सुंदरनगर हकीकत धांडा की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर दोषी को 3 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को एक लाख 20 हजार रुपये हर्जाना देने का फैसला सुनाया है.

सुंदरनगर न्यायालय में विचाराधीन एक चेक बांउस मामले में कारावास के साथ-साथ हर्जाना भी देने का फैसला सुनाया गया है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 सुंदरनगर हकीकत धांडा की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर दोषी को 3 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को एक लाख 20 हजार रुपये हर्जाना देने का फैसला सुनाया.

शिकायतकर्ता के अधिवक्ता आशीष शर्मा द्वारा दोषी रौकी के खिलाफ चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट1881 की धारा 138 में मुकदमा दर्ज करवाया था. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता आशीष शर्मा ने कहा कि दोषी रौकी ने उपरोक्त क्रेडिट सोसाइटी से 90 हजार रुपये लोन के लिए थे. उन्होंने कहा कि दोषी ने उपरोक्त लोन के भुगतान के लिए अपने केनरा बैंक सुंदरनगर के खाते का एक चेक दिया था. चैक देते समय शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि चैक बैंक में पेश करने पर कैश हो जाएगा.

अधिवक्ता आशीष ने कहा कि दोषी रौकी ने लोन राशि को चुकता करने की ऐवज में शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि दोषी के खाते में पैसे न होने की वजह से चेक बाउंस हो गया था और दोषी लोन राशि वापस लौटने में असफल रहा.

अधिवक्ता आशीष ने कहा कि मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 3 माह का कारावास व एक लाख 20 हजार रुपये हर्जाना के रुप में देने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अगर आरोपी हर्जाना नहीं देता है, तो अतिरिक्त 15 दिन का कारावास भुगतने की सजा सुनाई है.

Intro:चेक बाउंस मामले में 3 माह कारावास के साथ 1 लाख 20 हजार हर्जानाBody:सुंदरनगर : सुंदरनगर न्यायालय में विचाराधीन एक चेक बांउस मामले में कारावास के साथ-साथ हर्जाना भी देने का फैसला सुनाया गया है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर-1 सुंदरनगर हकीकत धांडा की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर आरोपी को 3 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को एक लााख 20 हजार रूपए हर्जाना देने का फैसला सुनाया। शिकायतकर्ता सीडी को-आपरेटिव क्रेडिट सोसाईटी लिमिटेड ब्रांच आफिस पुराना बाजार, सुंदरनगर, जिला मंंडी ने अधिवक्ता आशीष शर्मा द्वारा दोषी रौकी पुत्र पाला राम, निवासी क्वाटर नंबर-1201,जीरो चौक,बीबीएमबी कालौनी सुंदरनगर, तहसील सुंदरनगर जिला मंंडी के खिलाफ चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट,1881 की धारा 138 में मुकद्दमा दर्ज करवाया था। जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता के अधिवक्ता आशीष शर्मा ने कहा कि दोषी रौकी ने उपरोक्त क्रेडिट सोसाईटी से 90 हजार रूपए बतौर लोन लिए थे। उन्होंने कहा कि दोषी ने उपरोक्त लोन के भुगतान के लिए अपने केनरा बैंक सुंदरनगर के खाते का एक चेक दिया था। उन्होंने कहा कि चैक देते समय शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि चैक बैंक में पेश करने पर कैश हो जाएगा। अधिवक्ता आशीष ने कहा कि दोषी रौकी ने लोन राशि को चुकता करने की ऐवज में शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दोषी के खाते में पैसे न होने की वजह से चेक बाउंस हो गया था और दोषी लोन राशि वापिस लौटने में असफल रहा। उन्होंने कहा कि मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 3 माह का कारावास व एक लाख 20 हजार रुपए हर्जाना और हर्जाना नहीं देने की सूरत में अतिरिक्त 15 दिन का कारावास भुगतने की सजा सुनाई है।Conclusion:
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