करसोग/मंडी: जिला के उपमंडल करसोग में आए तूफान ने भारी तबाही मचाई है. विभिन्न पंचायतों में सेब की फसल को हुए नुकसान की रिपोर्ट बागवानी विभाग ने तैयार कर ली है. आंकलन के अनुसार बीते 28 और 29 जून को आए तूफान की वजह से सेब की फसल को 16 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
बता दें कि सर्दियों में हुई बेमौसम बारिश से पहले ही करोड़ों रुपये का स्टोन फ्रूट बर्बाद जो चुका है, जिससे क्षेत्र में 30 से 35 फीसदी ही स्टोन फ्रूट की फसल बच पाई है. वहीं, अब चुराग, माहूंनाग, बखरौट, पोखी, निहरी, तेबन और स्यांज बगड़ा पंचायत में आए तूफान की वजह से बागवानों के बगीचों में सेब टूट कर इधर-उधर बिखरे पड़े हैं.
उपमंडल में पिछले साल की अपेक्षा इस साल सेब की फसल काफी कम है. ऐसे में फसल तैयार होने से पहले ही बर्बाद होने की वजह से बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बागवानों ने सरकार से सेब की फसल को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है, ताकि कोरोना संकट काल में बागवानों को राहत मिल सके.
करसोग में अर्ली वैरायटी का सेब तैयार हो गया है, जिससे प्रदेश की विभिन्न मंडियों में अर्ली वैरायटी का सेब पहुंचना शुरू हो गया है. अगले कुछ दिनों में सेब का सीजन जोरों पर शुरू हो जाएगा और अन्य वैरायटी का सेब भी मंडियों में आना शुरू हो जाएगा.
ग्राम पंचायत तेबन के बागवान रूपलाल ने बताया कि तूफान की वजह से काफी सेब बगीचों में गिर गए हैं, जिससे कई बगीचे खाली हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस साल पिछले साल की तुलना में सेब की फसल कम हुई है. वहीं, तुफान की वजह से भी इस बार सेब की फसल नष्ट हो रही है.
करसोग की बागवानी विकास अधिकारी चमेली नेगी ने बताया कि क्षेत्र में तूफान आने से सेब की फसल को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक सेब की फसल को 16 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
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