मंडी: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र सिराज में इस साल भारी बर्फबारी (Heavy snowfall in Siraj) से बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. क्षेत्र में अत्याधिक बर्फबारी से सेब के पेड़ों का चिलिंग सीजन अच्छा बीतने से इस बार सेब की बंपर फसल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं, अब बागवान अपनी सेब की फसल की देखरेख में जुट गए हैं. सेब के पेड़ों पर फ्लावरिंग के समय ओलावृष्टि से बचाव के लिए सिराज घाटी में एंटी हेल नेट्स की खेप बाहरी राज्यों से पहुंचना शुरू हो गई है.
बता दें कि ओला अवरोधक जाली यानी एंटी हेल नेट बागवानों के लिए एक उम्मीद का नाम है. सेब की फसल को प्रकृति की ओलावृष्टि जैसी मार से बचाने के लिए प्रदेश के बागवान इस नेट को सेब के बगीचे पर बिछाते हैं. ओलावृष्टि की वजह से हर साल हिमाचल प्रदेश के बागवानों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है.
सेब उत्पादकों को ओलावृष्टि से फसल खराब (Crop damaged due to hailstorm) होने का डर हमेशा सताता रहता है. जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा (loss of farmers due to hailstorm) ओलावृष्टि से बचाव को लेकर उपयोग में लाए जाने वाले एंटी हेल नेट पर 80 और इसे लगाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले ढांचे (स्ट्रक्चर) पर भी 50 प्रतिशत सबसिडी दी जाती है.
ओलावृष्टि से बचाव पर क्या है सरकार का मास्टर प्लान: प्रदेश में सेब की बागवानी करने वाले बागवानों को ओलावृष्टि के कहर से बचाया जा सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने एंटी हेल नेट स्टेट प्लान स्कीम (Anti Hail Net State Plan Scheme) शुरू की है. इसके तहत (subsidy on anti hail net) बागवानों को बगीचे पर जाली बिछाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 80 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. वर्तमान में जयराम ठाकुर सरकार ने इस मामले में दो कदम और आगे बढ़ते हुए जाली बिछाने के लिए प्रयुक्त होने वाले बांस से डंडों और स्टील के स्ट्रक्चर पर भी 50 फीसदी का अनुदान दिया जा रहा है.
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