मंडी: कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान करने में मंडी जिला ने मिसाल पेश की है, क्योंकि तय लक्ष्यों से अधिक लोगों को रोजगार देकर उल्लेखनीय काम किया गया है. इस दौरान 1 लाख 16 हजार 254 लोगों को मनरेगा के तहत काम देकर उनको आर्थिक रुप से मजबूत बनाया गया है. साढ़े 64 करोड़ रुपये खर्च करके 23 लाख मानव कार्य दिवसों का सृजन किया जा चुका है, जिसमें 70 फीसदी महिलाओं की हिस्सेदारी शमिल है.
लाभार्थी पिंकी देवी ने बताया कि कोरोना काल में मनरेगा योजना उनके लिए संकटमोचन बनी है, क्योंकि उनको घर पर ही काम मिल रहा है और आमदनी भी अच्छी हो रही है. खासकर महिलाओं को चार पैसे कमा कर घर का खर्च चलाने में आसानी हुई है. उन्होंने बताया कि वो सिंचाई कुहल के निर्माण काम में काम रही है. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है.
लाभार्थी विनोद ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा कार्यों का दायरा बढ़ाने और कोरोना काल में मनरेगा कामों को प्राथमिकता देकर जरूरतमंदों को रोजगार मुहैया करवाने पर सीएम ने लाखों लोगों के जीवन में उम्मीद और भरोसे का संचार किया है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत वो सौली पुल से पधियूं तक पक्के रास्ते का काम कर रहे हैं.
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशानुसार जिला में मनरेगा कार्यों में तेजी लाई गई है, ताकि ग्रामीण लोगों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के जरिए लोगों को उनके घर पर ही रोजगार मुहैया करवाए जा रहा है और मनरेगा में लक्ष्य के मुकाबले 176 फीसदी काम किया गया है.
डीआरडीए परियोजना अधिकारी नवीन शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार की पंचवटी योजना और मुख्यमंत्री एक बीघा योजना को भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से जोड़ा गया है, ताकि ग्रामीणों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार की आवास योजनाओं के लाभार्थियों को अपना मकान बनाने के लिए भी मनरेगा में 95 दिन की मजदूरी का प्रावधान है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बच्चों और बुजुर्गों की जरूरतों का ख्याल रखते हुए पंचवटी योजना शुरू की है. इस योजना के तहत प्रदेश में पार्क और बगीचे बनाए जाएंगे, जहां हर उम्र के लोगों के लिए फिटनेस और मनोरंजन से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध होगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री एक बीघा योजना की शुरूआत की है, जिसके तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं बैकयार्ड और किचन गार्डन का कार्य कर सकती हैं.
ये भी पढ़ें: दो दिनों में खेगसू सब्जी मंडी होगी सेनिटाइज, मजदूरों के करवाए जाएंगे कोरोना टेस्ट