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MANDI: करसोग में 4 डॉक्टरों की नियुक्ति, गांव में खुशी का माहौल

हिमाचल में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में 245 चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं. जिसमें चार चिकित्सक उपमंडल करसोग में नियुक्त किए गए (4 doctors appointed for Karsog) हैं. इसमें एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति नागरिक चिकित्सालय करसोग में की गई है. वहीं, तीन डॉक्टर्स को उपमंडल के दूरदराज के क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त किया गया है. जिससे क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 8, 2022, 5:07 PM IST

4 doctors appointed for Karsog
करसोग में 4 डॉक्टरों की नियुक्ति.

करसोग: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है. प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले स्वास्थ्य विभाग ने 245 चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं. जिसमें से 4 चिकित्सकों की नियुक्ति करसोग में हुई (4 doctors appointed for Karsog) है. ऐसे में नागरिक चिकित्सालय करसोग (Civil Hospital Karsog) में पिछले काफी समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे ग्रामीणों ने अब राहत की सांस ली है.

अभी भी 7 विशेषज्ञों और 4 डॉ. के पद खाली: बता दें कि 2007 में उपमंडल करसोग में यह नागरिक चिकित्सालय बनाया गया था. तब से लेकर अभी तक लोगों को यहां डॉक्टर की कमी से इलाज में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नागरिक चिकित्सालय करसोग में सात पीजी डॉक्टर (विशेषज्ञ) के पद खाली पड़े हैं. वहीं, एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति करने के बाद भी यहां चार डॉक्टर्स की कमी है.

1 डॉ. की नागरिक चिकित्सालय में नियुक्ति, 3 भेजे डिस्पेंसरी: नागरिक चिकित्सालय करसोग के लिए एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति की गई है (1 Doctor appointed for Civil Hospital Karsog) और बाकी के अन्य तीन एमबीबीएस चिकित्सकों को डिस्पेंसरी के लिए नियुक्त किया गया है. इसमें नागरिक चिकित्सालय में तैनाती पाने वाले जस्सल के चस्सी के स्थानीय निवासी डॉ. गौरव वर्मा हैं और उनके पिता ओम प्रकाश हैं जो पेशे से वकील है और करसोग में ही लोगों को कानून से संबंधित सेवाएं दे रहे हैं.

प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में हुई नियुक्ति: डॉ. गौरव का कहना है कि उन्होंने चिकित्सकों की कमी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने का निर्णय लिया, ताकि गरीब लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को लेकर भटकना न पड़े. ऐसे में गरीब लोगों की पीड़ा को समझते हुए डॉ. गौरव ने ग्रामीण क्षेत्र में ही नियुक्ति के लिए प्राथमिकता दी. जिसका स्थानीय जनता ने भी स्वागत किया है.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई इन डॉक्टरों की नियुक्ति: वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेरी बंगलों में डॉ. दीक्षा ठाकुर, प्राथमिक स्वास्थ्य खंड खनेयोल बगड़ा में डॉ. अमित कुमार पठानिया व मोबाइल क्लिनिक करसोग में डॉ. विनोद कुमार की नियुक्ति हुई (3 Doctor appointed for dispensaries in Karsog) है. इन नियुक्तियों से दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को घर द्वार पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा. करसोग में अभी भी डॉक्टरों के कई पद रिक्त पड़े हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

स्थानीय ने बाकी खाली पड़े पदों को भरने की मांग की: ऐसे में स्थानीय लोगों ने उपमंडल के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नागरिक चिकित्सालय करसोग में डॉक्टरों और विशेषज्ञों के खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है. ताकि क्षेत्र के लोगों को उपचार कराने के लिए कहीं और न जाना पड़े. उनका कहना है इससे उनका समय और पैसा दोनों बरबाद होता है. इससे सबसे ज्यादा फायदा उपमंडल के गरीब तबके से संबंध रखने वाले लोगों का होगा.

ये भी पढ़ें: सावधान! कफ-सिरप पीने से हो सकती है मौत, साइड इफेक्ट होने पर डॉक्टर से करें संपर्क

करसोग: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है. प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले स्वास्थ्य विभाग ने 245 चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं. जिसमें से 4 चिकित्सकों की नियुक्ति करसोग में हुई (4 doctors appointed for Karsog) है. ऐसे में नागरिक चिकित्सालय करसोग (Civil Hospital Karsog) में पिछले काफी समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे ग्रामीणों ने अब राहत की सांस ली है.

अभी भी 7 विशेषज्ञों और 4 डॉ. के पद खाली: बता दें कि 2007 में उपमंडल करसोग में यह नागरिक चिकित्सालय बनाया गया था. तब से लेकर अभी तक लोगों को यहां डॉक्टर की कमी से इलाज में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नागरिक चिकित्सालय करसोग में सात पीजी डॉक्टर (विशेषज्ञ) के पद खाली पड़े हैं. वहीं, एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति करने के बाद भी यहां चार डॉक्टर्स की कमी है.

1 डॉ. की नागरिक चिकित्सालय में नियुक्ति, 3 भेजे डिस्पेंसरी: नागरिक चिकित्सालय करसोग के लिए एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति की गई है (1 Doctor appointed for Civil Hospital Karsog) और बाकी के अन्य तीन एमबीबीएस चिकित्सकों को डिस्पेंसरी के लिए नियुक्त किया गया है. इसमें नागरिक चिकित्सालय में तैनाती पाने वाले जस्सल के चस्सी के स्थानीय निवासी डॉ. गौरव वर्मा हैं और उनके पिता ओम प्रकाश हैं जो पेशे से वकील है और करसोग में ही लोगों को कानून से संबंधित सेवाएं दे रहे हैं.

प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में हुई नियुक्ति: डॉ. गौरव का कहना है कि उन्होंने चिकित्सकों की कमी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने का निर्णय लिया, ताकि गरीब लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को लेकर भटकना न पड़े. ऐसे में गरीब लोगों की पीड़ा को समझते हुए डॉ. गौरव ने ग्रामीण क्षेत्र में ही नियुक्ति के लिए प्राथमिकता दी. जिसका स्थानीय जनता ने भी स्वागत किया है.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई इन डॉक्टरों की नियुक्ति: वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेरी बंगलों में डॉ. दीक्षा ठाकुर, प्राथमिक स्वास्थ्य खंड खनेयोल बगड़ा में डॉ. अमित कुमार पठानिया व मोबाइल क्लिनिक करसोग में डॉ. विनोद कुमार की नियुक्ति हुई (3 Doctor appointed for dispensaries in Karsog) है. इन नियुक्तियों से दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को घर द्वार पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा. करसोग में अभी भी डॉक्टरों के कई पद रिक्त पड़े हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

स्थानीय ने बाकी खाली पड़े पदों को भरने की मांग की: ऐसे में स्थानीय लोगों ने उपमंडल के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नागरिक चिकित्सालय करसोग में डॉक्टरों और विशेषज्ञों के खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है. ताकि क्षेत्र के लोगों को उपचार कराने के लिए कहीं और न जाना पड़े. उनका कहना है इससे उनका समय और पैसा दोनों बरबाद होता है. इससे सबसे ज्यादा फायदा उपमंडल के गरीब तबके से संबंध रखने वाले लोगों का होगा.

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