लाहौल स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ है. पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा नदी में जा गिरा है, जिसके चलते चंद्रभागा नदी का बहाव पूरी तरह से रुक गया है. वहीं, साथ लगते 11 गांवों को भी इससे खतरा पैदा हो गया है.
स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से लाहौल घाटी पहुंच गए हैं. वहीं, दिल्ली से भी एनडीआरएफ की टीम लाहौल घाटी के लिए रवाना हो गई है.
मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने गांव में जाकर हालातों का जायजा लिया और लोगों से आग्रह किया कि वह हालात के सामान्य होने तक ऊंचाई वाले स्थानों पर ही रहें. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों के रहने का सही तरीके से इंतजाम किया जाए. मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह ने भी अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निर्देश जारी किए.
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि नदी के किनारे बसे गांवों को खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना सुनिश्चित किया जाए. वहीं, एनडीआरएफ की टीम भी हेलीकॉप्टर से दिल्ली से लाहौल पहुंच रही है. मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार लोगों को हरसंभव सहायता देगी. बारिंग हेलीपैड से मुख्य सचिव राम सुभग सिंह सड़क मार्ग से जसरथ गांव के लिए रवाना हुए. जसरथ गांव में सैंकड़ों बीघा जमीन फसल के साथ जलमग्न हो गई है.
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