शिमला: इस साल अब तक वनों में आग लगने की 229 घटनाएं सामने आई हैं. इससे 1053 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान पहुंचा है. आग से अब तक 186.10 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधों को नुकसान हुआ है. जबकी कुल 1053.17 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है. आग से नुकसान 18 लाख 17 हजार 435 रूपये का आंका गया है.
वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि जंगल बचाना हमारे लिए महत्वपूर्ण है. वनों की आग बुझाने के लिए अगर हेलीकॉप्टर का प्रयोग करना जरूरी हुआ तो इसका प्रयोग भी किया जाएगा. प्रदेश सरकार सेना और निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ने पर मांग करेगी.
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जंगलों में आगजनी होने की घटनाएं बढ़ी है. गर्मी और धूप का तेज होना भी इसका एक बड़ा कारण हैं. प्राकृतिक कारणों और लोगों की गलती के कारण भी आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. अधिकतर जगह पर अब स्थानीय लोग भी जंगलों को आग से बचाने के लिए जागरूक हुए हैं.
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को जनता का सहयोग भी मिल रहा है. वनों में आग लगने की सूचना लोग तुरंत प्रशासन को दे रहे हैं. साथ ही आग बुझाने में भी मदद कर रहे हैं. सरकार ने जंगलों को आग से बचाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. हम पूरी सावधानी के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
प्रदेश में मौसम की मेहरबानी के कारण अब तक वनों में आग से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ने लगी है. इसका असर जंगलों पर भी हो रहा है. आग लगने की सबसे अधिक 39 घटनाएं धर्मशाला सर्किल में सामने आई हैं. इसके अलावा नाहन सर्किल में 36, मंडी सर्किल में 33, नाहन में 36 और रामपुर सर्किल में 29 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.