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कुल्लू में सायर पर्व की धूम, नई फसल की पूजा के साथ बनेंगे सिड्डू, भल्ले व अन्य पारंपरिक व्यंजन - मणिकरण घाटी सायर मेला

जिला कुल्लू में मंगलवार को सायर उत्सव मनाया जाएगा जिसमें देवी-देवताओं की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाएगी. इस अवसर पर कई जगहों पर मेले का आयोजन किया जाएगा.

सायर पर्व कुल्लू
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Published : Sep 16, 2019, 5:15 PM IST

कुल्लू: हिमाचल में मनाए जाने वाले सायर पर्व के लिए लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है. कुल्लू घाटी में भी इस पर्व की धूम देखने को मिल रही है. मंगलवार को ये पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर जिला के मंदिरों में विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाएगी. सायर सक्रांति के साथ ही उझी घाटी, हलान, मणिकर्ण घाटी, तादला और बागन आदि स्थानों पर शायरी मेलों का भी आयोजन किया जाएगा.

वहीं, सायर पर्व को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में घर आए मेहमानों को पारंपरिक पकवान सिड्डू, भल्ले और देसी घी के खिलाए जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है ककि सायर पर्व के अवसर पर घर-घर जाकर बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया जाता है. उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए इन परंपराओं को निभाना चाहिए. सायर पर्व प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस पर्व के लिए सात दिनों तक गांव में जुब देने और मेलों का आयोजन चलता रहेगा.

वीडियो.

जिला देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि सायर पर्व को कुल्लू में धूमधाम से मनाया जाएगा. इस पर्व के मौके पर देवी-देवताओं की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी और देवी-देवताओं को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाएंगे.

कुल्लू: हिमाचल में मनाए जाने वाले सायर पर्व के लिए लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है. कुल्लू घाटी में भी इस पर्व की धूम देखने को मिल रही है. मंगलवार को ये पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर जिला के मंदिरों में विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाएगी. सायर सक्रांति के साथ ही उझी घाटी, हलान, मणिकर्ण घाटी, तादला और बागन आदि स्थानों पर शायरी मेलों का भी आयोजन किया जाएगा.

वहीं, सायर पर्व को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में घर आए मेहमानों को पारंपरिक पकवान सिड्डू, भल्ले और देसी घी के खिलाए जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है ककि सायर पर्व के अवसर पर घर-घर जाकर बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया जाता है. उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए इन परंपराओं को निभाना चाहिए. सायर पर्व प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस पर्व के लिए सात दिनों तक गांव में जुब देने और मेलों का आयोजन चलता रहेगा.

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जिला देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि सायर पर्व को कुल्लू में धूमधाम से मनाया जाएगा. इस पर्व के मौके पर देवी-देवताओं की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी और देवी-देवताओं को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाएंगे.

Intro:सायर पर्व को लेकर कुल्लू में ग्रामीणों में उत्साह


Body:जिला कुल्लू में मंगलवार को मनाए जाने वाले शायर उत्सव की तैयारियों में ग्रामीण जुट गए हैं। मंगलवार को मनाए जाने वाले शायर साजा को जिला कुल्लू में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। वहीं जिला भर के मंदिरों में विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी की जाएगी। सायर सक्रांति के साथ ही उझी घाटी, हलान, मणिकरण घाटी, तादला और बागन आदि स्थानों पर शायरी मेलों का भी आगाज होगा। वही, शायर पर्व को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी इस पर्व की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में घर आए मेहमानों को पारंपरिक पकवान सिड्डू, भल्ले और देसी घी के व्यंजन सौंपे जाएंगे। घाटी वासी लालचंद, सतीश, कमल का कहना है कि सायर पर्व के अवसर पर घर-घर जाकर बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए इन परंपराओं को निभाना सायर पर्व प्रमुख त्योहारों में से एक है। 7 दिनों तक गांव में जुब देने और मेलों का आयोजन चलता रहेगा।


Conclusion:जिला देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि सायर पर्व को कुल्लू में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व के मौके पर देवी-देवताओं की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी और देवी-देवताओं को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाएंगे
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