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लाहौल-स्पीति: अब तक 7 शव बरामद, लापता लोगों की तलाश जारी

हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बनकर बरसी है. प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई है, जिसके चलते लैंडस्लाइड होने से करोड़ों का नुकसान हुआ है. तोजिंग नाला से अब तक 7 शव बरामद किए जा चुके हैं. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

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Published : Jul 29, 2021, 9:55 AM IST

Updated : Jul 29, 2021, 12:14 PM IST

लाहौल स्पीति: लाहौल घाटी के उदयपुर में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. बादल फटने से नदी-नाले उफान पर हैं. तोजिंग नाला में आई बाढ़ के चलते कई लोग लापता हो गए. तोजिंग नाला से अब तक 7 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.

हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बनकर बरसी है. प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई है, जिसके चलते लैंडस्लाइड होने से करोड़ों का नुकसान हुआ है. प्रदेश के कई हिस्सों में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं. इस प्राकृतिक आपदा के चलते कई क्षेत्रों में सड़कों पर वाहनों के पहिये थम गए हैं.

सड़कें बन्द होने से लोगों को भी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. लोग पैदल ही चलने को मजबूर हैं. इसके साथ ही कई क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है. प्रदेश में नदियों के उफान पर आने से पांच पुल भी बह गए हैं.

इसके अलावा 345 बिजली के ट्रांसफार्मर और 175 पानी की परियोजनाएं ठप हो गई हैं. इस साल मानसून के दौरान अब तक 202 लोगों की मौतें हुई हैं. प्रदेश में मानसून के दौरान अब तक 50252 लाख का नुकसान भी आंका गया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बरसात का कहर, 387 सड़कें बंद...इस साल अब तक 202 लोगों की हुई मौत

लाहौल स्पीति: लाहौल घाटी के उदयपुर में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. बादल फटने से नदी-नाले उफान पर हैं. तोजिंग नाला में आई बाढ़ के चलते कई लोग लापता हो गए. तोजिंग नाला से अब तक 7 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.

हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बनकर बरसी है. प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई है, जिसके चलते लैंडस्लाइड होने से करोड़ों का नुकसान हुआ है. प्रदेश के कई हिस्सों में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं. इस प्राकृतिक आपदा के चलते कई क्षेत्रों में सड़कों पर वाहनों के पहिये थम गए हैं.

सड़कें बन्द होने से लोगों को भी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. लोग पैदल ही चलने को मजबूर हैं. इसके साथ ही कई क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है. प्रदेश में नदियों के उफान पर आने से पांच पुल भी बह गए हैं.

इसके अलावा 345 बिजली के ट्रांसफार्मर और 175 पानी की परियोजनाएं ठप हो गई हैं. इस साल मानसून के दौरान अब तक 202 लोगों की मौतें हुई हैं. प्रदेश में मानसून के दौरान अब तक 50252 लाख का नुकसान भी आंका गया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बरसात का कहर, 387 सड़कें बंद...इस साल अब तक 202 लोगों की हुई मौत

Last Updated : Jul 29, 2021, 12:14 PM IST
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